कुछ संदेशों के साथ ‘पाठशाला’ फिल्म उन प्रश्नों के जवाब देने की कोशिश करती है जो आज की एज्युकेशन सिस्टम से जुड़े हुए हैं। यह आज के स्कूलों की खामियों और कमियों पर प्रकाश डालती है। आज टीचिंग प्रोफेशन में से नैतिकता गायब हो गई है और इसने एक व्यवसाय का रूप ले लिया है। हमारे बच्चों के भविष्य और समाज पर पड़ने वाले इसके प्रभाव को फिल्म में रेखांकित करने की कोशिश की गई है।