मर्डर 2 : सीरियल किलर की तलाश में सीरियल किसर

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बैनर : विशेष फिल्म्स प्रा.लि.
निर्माता : मुकेश भट्ट
निर्देशक : मोहित सूरी
संगीत : मिथुन, हर्षित सक्सेना, संगीत और सिद्धार्थ हल्दीपुर
कलाकार : इमरान हाशमी, जैकलीन फर्नांडिस, प्रशांत नारायणन, सुलग्ना पाणिग्रही, सुधांशु पांडे, याना गुप्ता ( मेहमान कलाकार)
रिलीज डेट : 8 जुलाई 2011

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एक्स कॉप अर्जुन भागवत के लिए पैसे के आगे सही और गलत के कोई मायने नहीं है। उसके परिवार ने गरीबी को भुगता है और इसके बाद से अर्जुन की जिंदगी की सर्वोच्च प्राथमिकता पैसा है। प्रिया एक मॉडल है और अर्जुन को बेहद चाहती है, लेकिन अर्जुन उससे बचने की कोशिश करता है।


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शहर में एक सीरियल किलर का खौफ छाया हुआ है। जवान लड़कियाँ उस किलर का टारगेट बनती हैं। कई लड़कियाँ लापता हैं। एक गैंगस्टर का इस सीरियल किलर की वजह से बहुत नुकसान हुआ है और वह अर्जुन को भारी राशि देकर उसे ढूँढने का काम देता है।


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अर्जुन उसकी तलाश शुरू करता है और उसे पता चलता है कि जितनी भी लड़कियाँ लापता हैं उनका एक सेल फोन नंबर से संबंध है। उसे धीरज पांडे पर शक है। उसके खिलाफ सबूत जुटाने और पकड़ने के लिए वह रेशमा का सहारा लेता है।


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कॉलेज में पढ़ने वाली रेशमा वेश्यावृत्ति में लिप्त है ताकि अपने परिवार का खर्चा उठा सके। रेशमा को धीरज के घर भेजा जाता है और अर्जुन का शक यकीन में बदल जाता है कि वही सीरियल किलर है। धीरज सेक्स एडिक्ट है और क्रूरतापूर्वक लड़कियों की हत्या करता है, लेकिन अर्जुन के पास कोई सबूत नहीं है और धीरज को चाहकर भी वह सलाखों के पीछे नहीं भेज पाता है।


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इधर रेशमा भी लापता हो जाती है और अर्जुन ग्लानि से भर जाता है। धीरज का अगला टारगेट प्रिया है। क्या धीरज के खिलाफ अर्जुन सबूत जुटा पाता है? क्या रेशमा का पता चल पाएगा? क्या प्रिया को वह बचा पाएगा? इनके जवाब मिलेंगे ‘मर्डर 2’ में।

निर्देशक के बारे में :
2004 में प्रदर्शित मर्डर का निर्देशन अनुराग बसु ने किया था, जबकि सीक्वल को मोहित सूरी ने निर्देशित किया है। मोहित के निर्देशन पर महेश भट्ट की छाप है। अपराध की दुनिया पर आधारित डार्क फिल्में बनाना मोहित को पसंद है। उनकी ज्यादातर फिल्मों में इमरान हाशमी रहे हैं और विशेष फिल्म्स के लिए ही उन्होंने फिल्में बनाई हैं। ज़हर (2005) को छोड़ उनकी ज्यादातर फिल्में जैसे कलयुग (2005), वो लम्हें (2006), आवारापन (2007), राज़- द मिस्ट्री कन्टीन्यूज़ (2009), क्रूक (2010) असफल रही हैं। ‘मर्डर’ ब्रांड के सहारे वे सफलता की उम्मीद पाले हुए हैं।

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