सन ऑफ सरदार के निर्माता अजय देवगन हैं और उन्हें अपनी इस फिल्म पर इतना विश्वास है कि दिवाली पर वे यशराज फिल्म्स की ‘जब तक है जान’ से सीधी टक्कर ले रहे हैं। वैसे भी दिवाली अजय के लिए लकी साबित हुई है।
सन ऑफ सरदार के नाम से ही स्पष्ट है कि ये पंजाब की कहानी है। मेहमाननवाजी में सरदारों का कोई जवाब नहीं होता है। अपने यहां आए मेहमान की वे बड़ी खातिरदारी करते हैं, लेकिन जब बात गौरव और सम्मान की आ जाए तो इसे ये बड़ी गंभीरता से लेते हैं।
जस्सी (अजय देवगन) एक मस्तमौला और प्यार बांटने वाला सरदार है। लंदन में वह रहता है। पंजाब में वह अपनी जमीन बेचने के सिलसिले में आता है। यहां उसकी मुलाकात मीत (सोनाक्षी सिन्हा) से होती है। मीत को देखते ही जस्सी उससे प्यार कर बैठता है।
घटनाएं कुछ ऐसी घटती हैं कि जस्सी को मीत के घर जाना पड़ता है। यहां उसकी मुलाकात बिल्लू (संजय दत्त) से होती है जो मीत के घर का मुखिया है। कुछ अनसोची बातें जस्सी के साथ होती है और फिर चूहे बिल्ली का खेल शुरू हो जाता है। कन्फ्यूजन के कारण कई हास्यास्पद घटनाएं घटती हैं और दमदार एक्शन भी देखने को मिलता है।