हाउसफुल का सीक्वल हाउसफुल 2 हाजिर है नई कहानी, नए किरदार और कुछ नए कलाकारों के साथ। दर्जन भर ऐसे किरदार हैं जिनके आगे-पीछे कहानी घूमती है। मौज-मस्ती, हंसना-हंसाना और थोड़ा-सा ड्रामा इस फिल्म की खासियत है। इस फिल्म को बनाने वालों का दावा है कि यह हर मामले में हाउसफुल से बड़ी है क्योंकि दर्शकों की अपेक्षाएं भी इस बार कुछ ज्यादा ही होंगी।
हाउसफुल 2 कहानी है चार बेटियों, उनके चार पिताओं और उनके होने वाले चार दामादों की। पिता चाहते हैं कि उनकी बेटियों की शादी बहुत ही अमीर लड़के से हो ताकि उसे कोई असुविधा न हो। लड़कियां सोचती हैं कि वे जिन लड़कों से शादी कर रही हैं वे बहुत अमीर हैं और दामाद सोच रहे हैं वे बहुत ही अमीर लड़की से शादी कर रहे हैं।
हर किरदार बेईमान किंतु मनोरंजक है। खास बात तो ये है कि इनमें से कोई भी एक-दूसरे को बर्दाश्त नहीं कर सकता है फिर भी वे एक ही छत के नीचे इकट्ठा हैं। सोचिए क्या हंगामा होता होगा इस हाउस में जो कि मनोरंजक किरदारों से फुल है।
निर्देशक के बारे में : साजिद खान उस आम आदमी के लिए फिल्म बनाते हैं जो अपने गमों को भूलाने के लिए थिएटर में कदम रखता है। वो तीन घंटे के लिए सिर्फ हंसना चाहता है और इस दुनिया को भूल जाना चाहता है। साजिद की फिल्में हल्की-फुल्की होती हैं। ‘हे बेबी’ (2007) और हाउसफुल (2010) वे बना चुके हैं जो बॉक्स ऑफिस पर सफल रही। साजिद ने कभी दावा नहीं किया कि वे महान फिल्में बनाते हैं। वे इतना जरूर कहते हैं कि वे फिल्म समीक्षकों के लिए फिल्में नहीं बनाते हैं।