1990 में अमिताभ बच्चन को लेकर करण जौहर के पिता यश जौहर ने ‘अग्निपथ’ नामक फिल्म का निर्माण किया था, जिसे मुकल एस. आनंद ने निर्देशित किया था। अमिताभ को उत्कृष्ट अभिनय के लिए श्रेष्ठ कलाकार का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला था। अमिताभ ने अपने बोलने के अंदाज और आवाज में बदलाव लाकर संवाद बोले थे, जिसके कारण दर्शकों को ज्यादार संवाद समझ में ही नहीं आए। बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म फ्लॉप रही, लेकिन बाद में लोगों ने इस फिल्म को वीडियो और टीवी पर देखा और सराहा। यह फिल्म यश जौहर के दिल के बेहद करीब थी और इसी बात को ध्यान में रखकर करण जौहर लगभग 22 वर्ष बाद इसी फिल्म का रीमेक लेकर आए हैं जिसमें थोड़े-बहुत बदलाव किए गए हैं।
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मांडवा नामक छोटे से गांव में रहने वाले विजय दीनानाथ चौहान (रितिक रोशन) को उसके पिता ने आदर्श, सिद्धांत और ईमानदारी की बातें सिखाई हैं। विजय की जिंदगी में तब भूचाल आ जाता है जब ड्रग डीलर कांचा (संजय दत्त) उसके पिता को मौत के घाट उतार देता है। अपनी मां के साथ विजय मुंबई पहुंच जाता है। उसकी जिंदगी का एक ही उद्देश्य है कि मांडवा लौटकर अपने पिता के नाम पर लगे धब्बे साफ करना, जो कांचा ने लगाया है।
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मुंबई में 12 वर्षीय विजय की जिंदगी संवारने का जिम्मा रऊफ लाला (ऋषि कपूर) लेता है। कांचा तक पहुंचने की यात्रा में विजय कई नियम और कानून तोड़ता है। उसके कई रिश्ते बनते और बिगड़ते हैं। विजय को हर कदम और मोड़ पर उसकी दोस्त काली (प्रियंका चोपड़ा) का समर्थन मिलता है। पन्द्रह साल बाद विजय की कांचा के प्रति नफरत उसे मांडवा ले जाती है, जहां दोनों आमने-सामने होते हैं।