वेल डन अब्बा

Webdunia
PR
बैनर : रिलायंस बिग पिक्चर्स
निर्देशक : श्याम बेनेगल
संगीत : शांतनु मोइत्रा
कलाकार : बोमन ईरानी, मिनिषा लांबा, समीर दत्तानी, रवि किशन, इला अरुण, रजित कपूर, यशपाल शर्मा, रवि झांकल

अरमान अली (बोमन ईरानी) मुंबई में एक सीनियर एक्जीक्यूटिव्ह का ड्रायवर है। उसकी पत्नी का देहांत हो चुका है। उसकी एक टीनएज बेटी मुस्कान अली (मिनिषा लांबा) है। मुस्कान अपने चाचा रहमान अली और चाची सलमा अली (इला अरुण) के साथ हैदराबाद के निकट एक गाँव में रहती है।

PR
अरमान अली ऊपर वाले से बहुत डरता है और हमेशा कोशिश करता है कि उससे सभी खुश रहें। मुस्कान पढ़ी-लिखी लड़की है और सच बोलने से नहीं घबराती। आरिफ अली (समीर दत्तानी) से उसका खट्टा-मीठा रिश्ता है।

अरमान को अपनी बेटी की शादी की चिंता है इसलिए वह छुट्टी लेकर घर जाता है ताकि उसके लिए अच्छा-सा पति चुन सके। तीन महीने बाद जब वह काम पर वापस लौटता है तो उसे नौकरी से निकालने की बातें होने लगती हैं। लेकिन अरमान के पास उन्हें बताने के लिए एक कहानी है।

जो कहानी वह उन्हें बताता है ‍वो ऐसी मजेदार घटनाओं से भरी पड़ी है जिसकी वजह से उसे लौटने में देरी होती है। वह एक सरकारी योजना का लाभ उठाता है जिसके तहत उसकी जमीन में कुआँ खोदा जाता है।

PR
लेकिन कुछ ऐसी घटनाएँ घटती हैं और हालात इतने बुरे हो जाते है कि सरकार गिरने की नौबत आ जाती है। लेकिन सवाल यह है कि उसकी यह रोचक कहानी कितनी सच्ची है।

यह फिल्म एक राजनीतिक व्यंग्य है। कॉमेडी के सहारे उन विडंबनाओं पर प्रकाश डाला गया है जिनमें सरकार जनता की भलाई के लिए परियोजनाएँ शुरू करती है लेकिन भ्रष्टाचार के वजह से उनका क्रियान्वयन नहीं हो पाता।

Show comments

बॉलीवुड हलचल

अक्षय कुमार की मूवी 'स्काई फोर्स' की बॉक्स ऑफिस पर कैसी रही ओपनिंग, चेक करें

सनी देओल एक्शन से भरपूर फिल्म "जाट" की रिलीज डेट अनाउंस

Sky Force review: एयर फोर्स के जांबाज योद्धाओं की कहानी

स्काई फोर्स नहीं चली तो क्या होगा अक्षय कुमार का, बहुत कुछ दांव लगा है इस मूवी पर

रमेश सिप्पी : शोले से इतनी बड़ी लाइन खींची कि जिसे पार करना हो गया मुश्किल

सभी देखें

जरूर पढ़ें

भूल भुलैया 3 मूवी रिव्यू: हॉरर और कॉमेडी का तड़का, मनोरंजन से दूर भटका

सिंघम अगेन फिल्म समीक्षा: क्या अजय देवगन और रोहित शेट्टी की यह मूवी देखने लायक है?

विक्की विद्या का वो वाला वीडियो फिल्म समीक्षा: टाइटल जितनी नॉटी और फनी नहीं

जिगरा फिल्म समीक्षा: हजारों में एक वाली बहना

Devara part 1 review: जूनियर एनटीआर की फिल्म पर बाहुबली का प्रभाव