हाईवे कहानी है एक लड़की की। एक शहरी लड़की, जो युवा है और जीवन के हर क्षण का मजा लेती है। वह एक रात हाईवे पर अपने मंगेतर के साथ है। वे चार दिनों बाद शादी करने वाले हैं। अचानक गहनों और फूलों की दुनिया से दूर उसका सामना कठोर क्रूरता से होता है। देहाती अपराधियों का एक सूमह उसका अपहरण कर दूर ले जाता है।
गैंग उस लड़की को लेकर दहशत में आ जाता है। वह एक बड़े उद्योगपति की बेटी है। सत्ता के गलियारों में उसके परिवार के सम्पर्क हैं, ऐसे में फिरौती मांगने का सवाल ही नहीं है। उन्हें लगता है कि उस लड़की का अपहरण कर वे बरबाद हो गए हैं। गिरोह का मुखिया लड़की को वापस भेजने के लिए तैयार नहीं है। उसकी नीति है कि जो भी होगा देखेंगे।
दिन गुजरते हैं। ये दिन उस लड़की के लिए आतंक से भरे साबित होते हैं। लेकिन जैसे-जैसे समय आगे बढ़ता है परिदृश्य में बदलाव आने लगता है। लड़की को सूरज का उदय होना और डूबना अच्छा लगता है। हवा में उसे परिवर्तन महसूस होता है। उसे लगता है कि वह भी अब बदल गई है।
धीरे-धीरे अपहरणकर्ता और उसकी शिकार लड़की के बीच एक अजीब सा बंधन विकसित होने लगता है, लेकिन वे एक-दूसरे के लिए नहीं बने हैं। अपने जीवन में पहली बार लड़की इस कैद में अपने आपको आजाद महसूस करने लगती हैं। लड़की उस जगह लौटना नहीं चाहती जहां से वह आई हैं। वह वहां भी नहीं पहुंचना चाहती जहां उसे ले जाया जा रहा है। वह चाहती है कि यह यात्रा कभी नहीं खत्म हो।