अजब प्रेम की गजब कहानी : हँसी का खजाना

समय ताम्रकर
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निर्माता : रमेश एस. तौरानी
निर्देशक : राजकुमार संतोषी
संगीत : प्रीतम
कलाकार : रणबीर कपूर, कैटरीना कैफ, उपेन पटेल, दर्शन जरीवाला, गोविंद नामदेव, स्मिता जयकर, जाकिर हुसैन, सलमान खान ( विशेष भूमिका)
* यू सर्टिफिकेट * 16 रील * दो घंटे 34 मिनट
रेटिंग : 3.5/5

’अंदाज अपना अपना’ जैसी कॉमेडी फिल्म बनाने के कई वर्षों बाद निर्देशक राजकुमार संतोषी ‘अजब प्रेम की गजब कहानी’ के जरिये फिर कॉमेडी की और लौटे हैं। एक फिर उन्होंने साबित किया है कि वे बेहतरीन कॉमेडी फिल्म बना सकते हैं। ‘अजब प्रेम की गजब कहानी’ में दर्शकों का हँसना पहली रील से शुरू होता है और वो सिलसिला फिल्म की अंतिम रील तक चलता है। ‍फिल्म खत्म होने के बाद भी दर्शक मुस्कुराते हुए सिनेमाघर से बाहर निकलते हैं।

9 वीं फेल, बेकार बैठे रहने वाला और जब दिल भर आए तो हकलाने वाला प्रेम (रणबीर कपूर) हैप्पी क्लब का प्रेसीडेंट है। इस क्लब में उसके जैसे कुछ और लड़के हैं, जो अपने पिताओं की डाँट से बचने के लिए टाइम पास करने इस क्लब में आते हैं। हैप्पी क्लब के सदस्य उन छोकरा-छोकरियों को मिलाने की कोशिश करते हैं, जो आपस में प्यार करते हैं। इसके लिए वे लड़की का अपहरण तक कर लेते हैं। प्रेम की मुलाकात जेनी (कैटरीना कैफ) से होती है, जो उसे अपहरणकर्ता समझ लेती है, लेकिन बाद में उसकी गलतफहमी दूर होती है। जेनी भी दिल भर आने पर हकलाती है।

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प्रेम के दिल को जेनी भा जाती है। जेनी का वह वर्णन करता है ‘बाल सिल्की, गाल मिल्की, अरे ये तो वेनिला आइस्क्रीम है’। प्रेम उसे चाहने लगता है, लेकिन जेनी उसे अपना दोस्त मानती है। जेनी के दिल में तो राहुल (उपेन पटेल) बसा हुआ है। राहुल के माता-पिता अपने बेटे और जेनी की शादी के खिलाफ है। इस मामले में सच्चा प्रेमी बन प्रेम, जेनी और राहुल की मदद करता है। थोड़े नाटकीय दृश्य घटते हैं, कुछ हंगामा होता है और जेनी, प्रेम की हो जाती है।

फिल्म की कहानी में कोई नयापन नहीं है। सैकड़ों बार इस तरह की कहानी हम देख चुके हैं। लेकिन जो बात इस फिल्म को खास बनाती है वो है इसका प्रस्तुतिकरण। स्क्रीनप्ले इस तरह से लिखा गया है कि हँसी का सिलसिला थमता ही नहीं है। एक दृश्य को देख हँसी थमती नहीं कि दूसरा आ टपकता है। कॉमेडी का स्तर पूरी फिल्म में एक जैसा बना रहता है। कॉमेडी के लिए दृश्य गढ़े नहीं गए हैं और ना ही इन्हें ठूँसा गया है, बल्कि कहानी इन हल्के-फुल्के दृश्यों के सहारे आगे-बढ़ती रहती है।

फिल्म में कई मजेदार दृश्य हैं। रणबीर का चर्च में प्रार्थना करना, रणबीर और उसके पिता के बीच की नोकझोंक, रणबीर का नौकरी पर जाना, सलमान खान वाला प्रसंग, पार्टी वाला दृश्य, क्लाइमैक्स सीन।

निर्देशक राजकुमार संतोषी ने रोमांस और कॉमेडी का संतुलन बनाए रखा है और हास्य को अश्लीलता से दूर रखा है। 80 के दशक में बनने वाली फिल्मों का टच इसमें दिखाई देता है। उन्होंने नया करने के बजाय ये ध्यान में रखकर फिल्म बनाई है कि दर्शकों को क्या पसंद है और उसी चीज को उन्होंने दोहराया है। साथ ही उन्होंने अपने कलाकारों से बेहतरीन अभिनय कराया है। रणबीर का किरदार उन्होंने इस तरह पेश किया है कि दर्शक उससे जुड़ जाता है। फिल्म की कहानी में कुछ खामियाँ है, लेकिन हास्य के तले वो दब जाती हैं।

रणबीर कपूर और कैटरीना कैफ की कैमेस्ट्री गजब ढाती है। दोनों इस समय युवा वर्ग के चहेते हैं और आने वाले दिनों में ये सफल जोड़ी साबित हो सकती है। रणबीर ने प्रेम के किरदार को बेहतरीन तरीके से अभिनीत किया है। कॉमेडी करते समय वे लाउड नहीं हुए और न ही उन्होंने तरह-तरह के चेहरे बनाकर दर्शकों को हँसाने की कोशिश की है। दर्शक अब उन्हें बेहद पसंद करने लगे हैं और उन्होंने सुपरस्टार्स की नींद उड़ानी शुरू कर दी है।

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कैटरीना अब खूबसूरत गुडि़या ही नहीं रही है, अभिनय भी करने लगी हैं। रणबीर के पिता के रूप में दर्शन जरीवाला का अभिनय शानदार है। मेहमान कलाकार के रूप में सलमान खान दर्शकों को खुश कर देते हैं। उपेन पटेल अभिनय के नाम पर चेहरे बनाते हैं, लेकिन संतोषी ने उनकी कमजोरियों को खूबियों में बदल दिया है।

प्रीतम द्वारा संगीतबद्ध कुछ गाने अच्छे हैं तो कुछ बुरे। ‘तेरा होने लगा हूँ’, ‘तू जाने ना’ और ‘प्रेम की नैया’ अच्छे बन पड़े हैं।

कुल मिलाकर ‘अजब प्रेम की गजब कहानी’ बच्चे, बूढ़े और नौजवान सभी को पसंद आएगी।

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