अवेंजर्स इन्फिनिटी वॉर: मूवी रिव्यू

समय ताम्रकर
कुछ फिल्में ऐसी होती हैं जो शुद्ध मनोरंजन की कसौटी पर खरी उतरती हैं। इन्हें पॉपकॉर्न और कोला के साथ देखने का मजा ही कुछ और होता है। अवेंजर्स सीरिज की फिल्में इसी तरह हैं जिनमें कई सुपरहीरो को एक साथ देखने का सुकून मिलता है। कॉमिक्स से निकल कर बिग स्क्रीन पर जब ये अपने कारनामे दिखाते हैं तो रोमांच का मजा कई गुना बढ़ जाता है।
 
अवेंजर्स इन्फिनिटी वॉर में तो इस बार सुपरहीरोज़ की भरमार है। निर्देशक रूसो ब्रदर्स ने तमाम सुपरहीरो को जमा कर अपेक्षाओं को बेहद ऊंचा कर दिया। इतनी अपेक्षाएं कई बार फिल्म पर भारी पड़ जाती हैं, लेकिन एंथनी रूसो और जो रूसो इन अपेक्षाओं पर खरा उतरते हैं और दर्शकों को भरपूर मनोरंजन देते हैं।
 
जब इतने सारे सुपरहीरो जमा हों तो फिल्म के विलेन का दमदार होना जरूरी है। लगना चाहिए कि इससे टक्कर लेने के लिए कई सुपरहीरो की जरूरत है। थेनोस के इरादे नेक नहीं है। उसे उन स्टोन्स की तलाश है जिसे पाकर वह पूरे ब्रह्मांड पर राज करना चाहता है और पृथ्वी भी सुरक्षित नहीं है, लेकिन स्टोन्स और थेनोस के बीच आयरनमैन, स्पाइडरमैन, हल्क, थोर, कैप्टन अमेरिका, स्टीव रोजर्स, ब्लैक विडो जैसे तमाम योद्धा हैं जो पृथ्वी को सर्वनाश से बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। 
 
एक लाइन की कहानी पर ढाई घंटे तक दर्शकों को थिएटर में बैठाए रखना निर्देशक एंथनी रूसो और जो रूसो की कामयाबी मानी जाएगी। इतने सारे सुपरहीरोज़ के बीच उन्होंने संतुलन बनाए रखा और कहीं भी दर्शकों को कन्फ्यूज नहीं होने दिया। उनका कहानी कहने का तरीका इतना सटीक है कि दर्शक को हर बात समझ में आती है और इतने सारे किरदारों के होने के बावजूद वह भ्रमित नहीं होता। 
 
हर सुपरहीरो की एंट्री के पहले स्क्रिप्ट में जरूरत पैदा की गई है, कहीं भी ऐसा नहीं लगता कि जोर-जबरदस्ती की जा रही है। सभी सुपरहीरो अपनी जगह फिट लगते हैं।  
 
एक्शन और स्पेशल इफेक्ट्स के धमाकों के बीच इन दिग्गज हीरो के आपसी संवाद मजेदार हैं। इनमें से कई को एक-दूसरे की मौजूदगी का अहसास भी नहीं है। वे आपस में ही टकरा जाते हैं, लेकिन जब पता चलता है कि सभी की लड़ाई थेनोस के विरुद्ध है तो वे एक हो जाते हैं।
 
फिल्म बहुत तेज गति से चलती है और ज्यादा सोचने के लिए समय नहीं देती। कुछ जगह इधर-उधर भटकती है, कुछ दृश्य अनावश्यक रूप से लंबे भी हो गए हैं, जैसे थेनोस और उसकी बेटी गमोरा के बीच के दृश्य। फिल्म की शुरुआत थोड़ी गड़बड़ है, ऐसा लगता है मानो हम किसी फिल्म को बीच से देख रहे हैं, लेकिन 149 मिनट की अवधि वाली फिल्म में ज्यादातर समय इसकी चमक बरकरार रहती है। 
फिल्म का संपादन कमाल का है। इतने सारे कलाकारों और एक्शन सीक्वेंस को बेहद सफाई के साथ जोड़ा गया है कि पूरी फिल्म बहती हुई लगती है। फिल्म की हर बात भव्य है। बजट, स्टार्स, सेट और इफेक्ट्स पर खूब पैसा बहाया गया है। सीजीआई कही भी बनावटी या नकली नहीं लगते। 
 
फिल्म का क्लाइमैक्स जरूर चौंकाता है। इस तरह के अंत की उम्मीद नहीं थी। फिल्म खत्म होने के पहले जो एक्शन सीक्वेंस है वो कमाल का है। 
 
फिल्म में रॉबर्ट डाउनी जू., क्रिस हेम्सवर्थ, मार्क रफेलो, क्रिस इवांस, स्कॉरलेट जोहानसन, जोश ब्रुलिन, टॉम हॉलैंड जैसे दमदार कलाकार हैं जो अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराते हैं। सभी को ठीक-ठाक स्क्रीन टाइम देने की कोशिश निर्देशक ने की है, हालांकि सुपरहीरो के कुछ फैंस को शिकायत हो सकती है कि उनके प्रिय कैरेक्टर को कम समय दिया गया है, लेकिन इसमें निर्देशक की कोई गलती नहीं है। वैसे विलेन जोश ब्रुलिन ज्यादा समय तक स्क्रीन पर नजर आते हैं। 
 
अवेंजर्स : इन्फिनिटी वॉर की की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ढाई घंटे बाद भी मन नहीं भरता तथा थोड़ा और पाने की ख्वाहिश रहती है।
 
निर्माता : केविन फीज
निर्देशक : एंथनी रूसो, जो रूसो
संगीत : एलन सिल्वेस्ट्री
कलाकार : रॉबर्ट डाउनी जू., क्रिस हेम्सवर्थ, मार्क रफेलो, क्रिस इवांस, स्कॉरलेट जोहानसन, जोश ब्रुलिन, टॉम हॉलैंड
2 घंटे 29 मिनट 
रेटिंग : 3.5/5 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

बॉलीवुड हलचल

रेड साड़ी के साथ अवनीत कौर ने पहना डीपनेक ब्लाउज, सिजलिंग अंदाज में दिए पोज

जब शाहरुख-सलमान खान को रोकने के लिए कार के बोनट पर कूद गए थे रितिक रोशन, करण अर्जुन के सेट से किस्सा किया साझा

46वें फेस्टिवल डेस 3 कॉन्टिनेंट्स में शबाना आजमी को मिला स्टैंडिंग ओवेशन

स्टार प्लस पर फिर से नज़र आएंगे नकुल मेहता, शो उड़ने की आशा के खास एपिसोड्स करेंगे होस्ट

जब सलमान खान ने जला दी थी पिता की सैलरी, फिर यूं सिखाया था सलीम खान ने सबक...

सभी देखें

जरूर पढ़ें

भूल भुलैया 3 मूवी रिव्यू: हॉरर और कॉमेडी का तड़का, मनोरंजन से दूर भटका

सिंघम अगेन फिल्म समीक्षा: क्या अजय देवगन और रोहित शेट्टी की यह मूवी देखने लायक है?

विक्की विद्या का वो वाला वीडियो फिल्म समीक्षा: टाइटल जितनी नॉटी और फनी नहीं

जिगरा फिल्म समीक्षा: हजारों में एक वाली बहना

Devara part 1 review: जूनियर एनटीआर की फिल्म पर बाहुबली का प्रभाव

अगला लेख