कैप्टन अमेरिका : सिविल वॉर- मूवी रिव्यू

Webdunia
मार्वल स्टुडियोज़ की फिल्मों में इन दिनों ढेर सारे सुपरहीरोज़ को एक साथ देखने को मिलता है और सुपरहीरो के फैंस को यह बात  थिएटर तक खींच लाती है, हालांकि 'बेटमैन ‍वर्सेस सुपरमैन: डान ऑफ जस्टिस' को बहुत ज्यादा पसंद नहीं किया गया था, लेकिन 'कैप्टन अमेरिका : सिविल वॉर' उम्मीदों पर खरी उतरती है। 
यहां सुपरहीरोज़ दो टीमों में बंटे हुए नजर आए जो एक-दूसरे के खिलाफ लड़ते हैं, लेकिन केवल इसी बात के बूते दर्शकों को बांधा नहीं जा सकता। एक मजबूत कहानी आपको सीट से चिपकाए रखती है और कहीं भी यह फिल्म खींची हुई नहीं लगती।
कैप्टन अमेरिका: सिविल वॉर 2011 में आई 'कैप्टन अमेरिका: द फर्स्ट अवेंजर' तथा 2014 में प्रदर्शित हुई 'कैप्टन अमेरिका- द विंटर सोल्जर' की अगली कड़ी है। एवेंजर्स: एज ऑफ अल्ट्रॉन की घटना के लगभग एक वर्ष बाद नाइजीरिया में जैविक हथियार चोरी को रोकने के दौरान सुपरहीरोज़ के हाथों कुछ लोगों की मृत्यु हो जाती है और इससे एवेंजर्स के काम करने के तरीकों के प्रति अविश्वास बढ़ जाता है। 
 
सुपरहीरोज़ की मनमानी को रोकने के लिए 137 देशों के समर्थन के साथ संयुक्त राष्ट्र संघ तय करता है कि उनके निर्देशों के अनुसार ही इन सुपरहीरोज़ को काम करना होगा। कैप्टन अमेरिका (क्रिस इवांस), आयरन मैन (रॉबर्ट डॉनी जूनियर), ब्लैक विडो (स्कॉरलेट जोहानसन), फॉल्कन (एंथनी मैकी) को यह बात उचित नहीं लगती। इसी बैठक के दौरान विस्फोट होता है और वकांडा का राजा मारा जाता है। सुपरहीरोज़ की स्थिति और खराब हो जाती है। 
 
सुपरहीरोज़ के खिलाफ एक दुश्मन काम कर रहा है जिससे उनकी छवि खराब हो। पहले से ही परेशान सुपरहीरोज़ आपस में लड़ने लगते हैं। उनकी टीम दो भागों में बंट जाती है। आयरन मैन के साथ ब्लैक विडो, ब्लैक पैंथर, विज़न और स्पाडरमैन है तो कैप्टन अमेरिका के दल में फाल्कन, विंटर सोल्जर, हॉक आई, एंट मैन जैसे साथी हैं। कैसे इनकी गलतहफमियां दूर होती हैं, ये फिल्म का सार है। 
 
निर्देशक एन्थनी रुसो और जोड रुसो ने फिल्म को इस तरह प्रस्तुत किया है कि दर्शकों की रूचि लगातार फिल्म में बनी रहे। कई देशों में फिल्माई गई कहानी को उन्होंने तेजी से दौड़ाया है ताकि दर्शकों को ज्यादा सोचने का समय नहीं मिले। घटनाक्रम तेजी से घटते हैं और लगातार रोमांचक दृश्य देखने को मिलते हैं। किस सुपरहीरो की टीम में आप हैं ये निर्णय लेने में बहुत मुश्किल का सामना करना पड़ता है।  
 
एक्शन सीक्वेंस के साथ कहानी पर विशेष ध्यान दिया गया है, हालांकि जिन दर्शकों ने इस सीरिज की पिछली दो फिल्में नहीं देखी हैं उन्हें यह फिल्म समझने में थोड़ी कठिनाई महसूस हो सकती है। साथ ही सुपरहीरोज़ के आपसी लड़ाई के लिए ठोस कारण पैदा नहीं किए गए हैं, लेकिन एक साथ इतने सुपरहीरोज़ को साथ देखने का रोमांच इन बातों को भूला देता है।  
 
फिल्म की खासियत है सीजीआई और एक्शन सीक्वेंस। सारे सुपरहीरोज़ एक-दूसरे के खिलाफ लड़ने वाला सीक्वेंस पैसा वसूल है। इस दौरान बोले गए उनके आपसी संवाद गुदगुदाते हैं। स्पाइडर मैन और एंट मैन थोड़ी देर के लिए आते हैं, लेकिन तबियत खुश कर जाते हैं। 
 
क्रिस इवांस और रॉबर्ट डॉनी जूनियर पूरी फिल्म में छाए रहे हैं। इन दोनों सुपरहीरोज़ में से कौन आपको ज्यादा रोमांचित करता है ये आपकी पसंद पर निर्भर करता है, पर कहा जा सकता है कि क्रिस पर रॉबर्ट भारी पड़े हैं। स्कार्लेट जोहानसन, एंथनी मैकी, जेरेमी रेनर का अभिनय भी जोरदार है। छोटे से रोल में टॉम हॉलैंड प्रभावित करते हैं। 
 
फिल्म का तकनीकी स्तर बहुत ऊंचा है। ट्रेंट ऑपलोक की सिनेमाटोग्राफी लाजवाब है। हिंदी में डब किए गए संवाद उम्दा हैं। हालांकि कैप्टन अमेरिका के संवाद हिंदी में डब करने वाले अभिनेता वरुण धवन के उच्चारण कही-कही दोषपूर्ण हैं।  
 
यदि आप सुपहीरोज़ के फैन नहीं भी हैं तो भी 'कैप्टन अमेरिका: सिविल वॉर' आपको पसंद आएगी। 
 
निर्माता : केविन फेज
निर्देशक : एन्थनी रुसो, जोड रुसो
कलाकार : क्रिस इवांस, रॉबर्ट डॉनी जूनियर, स्कार्लेट जोहानसन, सेबेस्टियन स्टेन, एंथनी मैकी, जेरेमी रेनर, पॉल रुड
अवधि : 2 घंटे 17 मिनट 
रेटिंग : 3.5/5 
Show comments

बॉलीवुड हलचल

बॉलीवुड इंडस्ट्री में कदम रखने जा रहीं आकांक्षा शर्मा, साल 2025 में इन फिल्मों में आएंगी नजर

बिकिनी पहन अलाया एफ ने दिए किलर अंदाज में पोज, वीडियो देख बढ़ी फैंस की धड़कने

ब्लैक ड्रेस पहन अवनीत कौर ने फ्लॉन्ट किया किलर फिगर, इंटरनेट का बढ़ाया तापमान

केसरी चैप्टर 2 जीत रही दर्शकों का दिल, दूसरे दिन किया इतना बॉक्स ऑफिस कलेक्शन

रविशंकर प्रसाद ने BSF जवानों के साथ देखी ग्राउंड जीरो, फिल्म की कहानी और मेकर्स को सराहा

सभी देखें

जरूर पढ़ें

Loveyapa review: मोबाइल की अदला-बदली से मचा स्यापा

देवा मूवी रिव्यू: शाहिद कपूर और टेक्नीशियन्स की मेहनत पर स्क्रीनप्ले लिखने वालों ने पानी फेरा

Sky Force review: एयर फोर्स के जांबाज योद्धाओं की कहानी

आज़ाद मूवी रिव्यू: अमन-साशा की बिगड़ी शुरुआत, क्यों की अजय देवगन ने यह फिल्म

इमरजेंसी मूवी रिव्यू: कंगना रनौट की एक्टिंग ही फिल्म का एकमात्र मजबूत पक्ष

अगला लेख