Loveyapa review: मोबाइल की अदला-बदली से मचा स्यापा

समय ताम्रकर
शुक्रवार, 7 फ़रवरी 2025 (13:42 IST)
श्रीदेवी, आमिर खान की फेवरेट एक्ट्रेस थीं, लेकिन दोनों कभी भी साथ में फिल्म नहीं कर पाए। आमिर खान के बेटे जुनैद और श्रीदेवी की बेटी खुशी ‘लवयापा’ में साथ नजर आए हैं, जो मॉडर्न रोम-कॉम फिल्म है। इन दिनों सिनेमा का स्क्रीन एक्शन फिल्मों के बोलबाले के कारण खून से लाल है और लव स्टोरी आधारित फिल्में चलन से बाहर हो गई हैं।
 
‘लवयापा’ का निर्देशन अद्वैत चंदन नाम पर ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ जैसी उम्दा फिल्म और ‘लाल सिंह चड्ढा’ जैसी फ्लॉप फिल्म दर्ज हैं। आमिर खान कैम्प के माने जाते हैं और शायद इसीलिए उन्हें ‘लवयापा’ निर्देशित करने का मौका मिला है, जो कि तमिल फिल्म ‘लव टूडे’ (2022) का हिंदी रीमेक है। 
 
लवयापा Gen Z को टारगेट में रख कर बनाई गई है, जिनकी जिंदगी में मोबाइल फोन से बढ़ कर कुछ नहीं है। नहाते समय, खाते समय, सोते समय, हर समय उनके हाथ में यह उपकरण मौजूद रहता है। 
 
बानी बू (खुशी कपूर) और गौरव उर्फ गुच्ची (जुनैद खान) इसी जेनरेशन से हैं और मोबाइल एडिक्ट हैं। एक-दूसरे से शादी करना चाहते हैं, लेकिन लड़की का पिता (आशुतोष राणा) बीच में शर्त रख देता है। एक दिन के लिए फोन की अदला-बदली करो फिर सोचते हैं। 
 
मोबाइल फोन की गौरव और बानी फोन बदल लेते हैं। चैट, मैसेज, फोटो, सोशल मीडिया से कुछ राज खुलते हैं और दोनों में विवाद होने लगता है। साथ में एक दूसरा ट्रेक भी चलता है, जिसमें गौरव की बहन की शादी एक ओवरसाइज व्यक्ति (कीकू शारदा) से हो रही है। 
 
इन दोनों ट्रेक के जरिये ये बात कहने की कोशिश की गई है कि वर्चुअल वर्ल्ड के कारण हम रियल वर्ल्ड का आनंद लेना भूल गए हैं जिसका असर हमारे रिश्तों तक पहुंच गया है, लोगों को बदनाम करने लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है और बॉडीशेमिंग बहुत ज्यादा होने लगी है। 
 
फिल्म के पहले हाफ में हल्के-फुल्के दृश्यों के जरिये दर्शकों का मन बहलाने की कोशिश की गई है, लेकिन ये हिस्सा ज्यादा प्रभावी नहीं बन पाया है। हंसाने की बहुत ज्यादा कोशिश दिखाई देती है। लेखन में इतना दम नहीं है कि हर सीन पर हंसी आए। 
 
मोबाइल फोन की अदला-बदली वाला दिलचस्प मोड़ आने के बाद कहानी में ठहराव आ जाता है और बात आगे बढ़ती नहीं है। जबकि मोबाइल के अदला-बदली को लेकर बेहतरीन हास्य रचा जा सकता था। दूसरे हाफ में कहानी आगे बढ़ती है और कुछ अच्छे सीन देखने को मिलते हैं। लेकिन फिल्म उतनी मजेदार नहीं है, जितनी ट्रेलर से उम्मीद जागती है। क्लाइमैक्स में बहुत ज्यादा ड्रामा नहीं है और अचानक सब सही हो जाता है।  
 
अद्वैत चंदन ने दोनों युवा कलाकारों से अच्छा काम लिया है, लेकिन स्क्रीनप्ले की कमियों से वे ऐसी फिल्म नहीं बना पाए जो पूरी तरह से दर्शकों को बांध कर रखे। फिल्म लड़खड़ाते हुए चलती है। 
 
जुनैद खान की एक्टिंग प्रभाव है। उन्होंने अपने किरदार को अच्छी तरह से जिया है। नि:संदेह कुछ कमियां हैं, लेकिन वे आशा जगाते हैं कि भविष्य में उन पर काबू कर लेंगे। खुशी कपूर औसत रही हैं। आशुतोष राणा और कीकू शारदा उपस्थिति दर्ज कराते हैं। 
 
रोम-कॉम में म्यूजिक बहुत महत्वूपर्ण होता है और यहां फिल्म खाली हाथ है। एक भी हिट या यादगार गाना संगीतकार नहीं दे पाए। कुल मिला कर ‘लवयापा’ के कुछ हिस्से ही मजेदार हैं। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

बॉलीवुड हलचल

सिद्धार्थ चोपड़ा की शादी में शामिल होने पहुंचे निक जोनास, गाया तू मान मेरी जान गाना, जमकर थिरकीं प्रियंका चोपड़ा

विक्की कौशल की फिल्म छावा का गाना आया रे तूफान रिलीज, एआर रहमान बोले- एक युग का आह्वान...

आमिर खान की मिस्ट्री गर्ल का नाम आया सामने, जानिए क्या है बॉलीवुड से कनेक्शन!

महाकुंभ में पवित्र डुबकी लगातर इशिका तनेजा ने शोबिज को कहा अलविदा, बनीं सनातनी

मुश्किल में फंसे सोनू सूद, एक्टर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी, जानिए क्या है मामला

सभी देखें

जरूर पढ़ें

भूल भुलैया 3 मूवी रिव्यू: हॉरर और कॉमेडी का तड़का, मनोरंजन से दूर भटका

सिंघम अगेन फिल्म समीक्षा: क्या अजय देवगन और रोहित शेट्टी की यह मूवी देखने लायक है?

विक्की विद्या का वो वाला वीडियो फिल्म समीक्षा: टाइटल जितनी नॉटी और फनी नहीं

जिगरा फिल्म समीक्षा: हजारों में एक वाली बहना

Devara part 1 review: जूनियर एनटीआर की फिल्म पर बाहुबली का प्रभाव

अगला लेख