विश्वप्रसिद्ध जातक कथाएँ

Webdunia
PR

भगवान बुद्ध ने गौतम के रूप में जब जन्म लिया, उसके पहले वे बहुत से जन्म ले चुके थे। कहते हैं कि इन्होंने इसके पहले तपस्वी, राजा, वृक्ष, देवता, सिंह, हाथी, घोड़ा, गीदड़, भैंसा, कुत्ता, बंदर, मछली, सूअर आदि के कितने ही जन्म लिए थे।

जातक कथाएँ त्रिपिटक के सुत्त पिटक के खुद्दकनिकाय का हिस्सा है। जातक कथाओं में बुद्ध के 547 पूर्व जन्मों का वर्णन है। बुद्ध घोष ने कोई दो हजार वर्ष पहले ये कथाएँ लिखी थीं। कहा गया है कि सबसे पहले जन्म में भगवान बुद्ध सुमेघ तपस्वी के रूप में पैदा हुए थे और सबसे अंत में बेसंतर के रूप में।

तीन बार उन्होंने चांडाल के घर में जन्म लिया था। एक बार वे जुआरी के रूप में रहे थे। इनमें से कुछ कथाएँ बहुत जगप्रसिद्ध हैं। इनका प्रचार संसार के कोने-कोने में हुआ है।

इन जातक कथाओं की तर्ज पर ही ईसप की कथाएँ, अरब की कथाएँ आदि लिखी गई। इसके अलावा भी दुनिया के तमाम कथा साहित्य में इन कथाओं का प्रभाव स्वत: ही देखने को मिल जाएगा।

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

सूर्य कर्क संक्रांति कब रहेगी, क्या है इसका महत्व?

क्या 12 ही महीने बर्फ से ढका रहता है बाबा अमरनाथ का शिवलिंग? जानिए हिम शिवलिंग के रहस्य

श्रावण माह में इस बार कितने सोमवार हैं और किस तारीख को, जानिए

वर्ष 2025 में कब से शुरू हो रहा है सावन माह का सोमवार, जानिए श्रावण मास डेट एंड पूजा टाइम

सावन मास में शिवजी की पूजा से पहले सुधारें अपने घर का वास्तु, जानें 5 उपाय

सभी देखें

धर्म संसार

Jaya Parvati Vrat 2025: विवाह, प्रेम और सौभाग्य के लिए सबसे शुभ है जया पार्वती व्रत

Guru Purnima 2025: जीवन में किसे बनाना चाहिए अपना गुरु, गुरु दीक्षा लेना क्यों जरुरी है?

धन, ज्ञान और शांति के लिए गुरु पूर्णिमा पर करें ये 7 उपाय, दूर होंगी सारी बाधाएं

गुरु अध्यात्म की ज्योति हैं, गुरु हैं चारों धाम...अपने गुरु का खास अंदाज में करें सम्मान, भेजें ये विशेष शुभकामना सन्देश

गुरु पूर्णिमा पर गुरु का मिथुन राशि में प्रवेश इन 4 राशियों के लिए है बेहद शुभ, देखिए क्या आपकी राशि को मिलेगा लाभ!