वे 4 घटनाएं जिससे बदल गया गौतम बुद्ध का जीवन

Webdunia
भगवान बुद्ध का जीवन और उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं। बुद्ध के प्रेरणादायक जीवनदर्शन का जन-जीवन पर अमिट प्रभाव रहा है। आइए जानते हैं वे कौन-सी चार छटनाएं थी, जो सिद्धार्थ को संसार में बांधकर न रख सकीं। आइए जानें... 
 
1. वसंत ऋतु में एक दिन सिद्धार्थ बगीचे की सैर पर निकले। उन्हें सड़क पर एक बूढ़ा आदमी दिखाई दिया। उसके दांत टूट हुए थे। बाल पक गए थे, शरीर टेढ़ा-मेढ़ा हो गया था। हाथ में लाठी पकड़े धीरे-धीरे कांपता हुआ वह सड़क पर चल रहा था। 
 
2. दूसरी बार सिद्धार्थ कुमार जब बगीचे की सैर पर निकले, तो उनकी आंखों के आगे एक रोगी आ गया। उसकी सांस तेजी से चल रही थी। कंधे ढीले पड़ गए थे। बांहें सूख गई थीं। पेट फूल गया था। चेहरा पीला पड़ गया था। दूसरे के सहारे वह बड़ी मुश्किल से चल पा रहा था। 
 
3. तीसरी बार सिद्धार्थ को एक अर्थी मिली। चार आदमी उसे उठाकर लिए जा रहे थे। पीछे-पीछे बहुत से लोग थे। कोई रो रहा था, कोई छाती पीट रहा था, कोई अपने बाल नोच रहा था। इन दृश्यों ने सिद्धार्थ को बहुत विचलित किया। 
 
4. चौथी बार सिद्धार्थ बगीचे की सैर को निकला, तो उसे एक संन्यासी दिखाई पड़ा। संसार की सारी भावनाओं और कामनाओं से मुक्त प्रसन्नचित्त संन्यासी ने सिद्धार्थ को आकृष्ट किया। 
 
उन्होंने सोचा- ‘धिक्कार है जवानी को, जो जीवन को सोख लेती है। धिक्कार है स्वास्थ्य को, जो शरीर को नष्ट कर देता है। धिक्कार है जीवन को, जो इतनी जल्दी अपना अध्याय पूरा कर देता है।

क्या बुढ़ापा, बीमारी और मौत सदा इसी तरह होती रहेगी सौम्य? उन्हें प्रसन्नचित्त संन्यासी ने आकृष्ट किया और वे संसार के मोह-बंधन से मुक्त होकर त्याग के रास्ते पर निकल गए और घोर तपस्या करके बुद्धत्व को प्राप्त किया।


ALSO READ: बुद्ध पूर्णिमा पर ये 11 खास बातें आपको जानना जरूरी है...

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ष 2025 में अब कब बन रहे हैं युद्ध के योग?

8 वर्षों तक बृहस्पति करेंगे अतिचारी गोचर, क्या होगा इन आठ वर्षों में?

क्या ग्रह नक्षत्रों के परिवर्तन से हो चुकी है तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत, इस तारीख तक मिट जाएगा पाकिस्तान

चाणक्य की इन बातों से जानें जीने की कला, अगर सीख ली तो कदमों में होगी दुनिया

राक्षसों के नाम पर रखे हैं भारत के इन शहरों के नाम, जानिए कौनसे हैं ये शहर

सभी देखें

धर्म संसार

17 मई 2025 : आपका जन्मदिन

17 मई 2025, शनिवार के शुभ मुहूर्त

पाकिस्तान में क्यों सर्च हो रहे हैं प्रेमानंद महाराज, जानिए उनके बारे में क्या जानना चाहते हैं पाकिस्तानी

ज्येष्ठ मास की अमावस्या और पूर्णिका के दिन इन 3 पेड़-पौधों की पूजा करने से मिलेगा मनचाहा वरदान

केतु मचाएगा देश और दुनिया में तबाही, 18 माह संभलकर रहना होगा

अगला लेख