सुनिए वित्तमंत्रीजी!

Webdunia
29 फरवरी, 2008 को केन्द्रीय वित्तमंत्री पी. चिदंबरम 'आम बजट' पेश करने जा रहे हैं। क्या सस्ता होगा, क्या महँगा होगा, किसको मिलेगी रियायत और किस पर गिरेगी गाज..? देश का हर तबका वित्तमंत्री से उम्मीदें लगाए बैठा है। सबको इंतजार है उनकी घोषणाओं का।

क्या सोचना है लोगों का वित्तमंत्री के बजट को लेकर, क्या अपेक्षाएँ हैं उनकी? आइए, जानते हैं वेबदुनिया के पाठकों के विचार-

*वित्तमंत्री साहब, हर तरह के अल्कोहल और तंबाकू उत्पादों पर 15 से 25% की वृद्धि करनी चाहिए। जो शराब बच्चों के जेबखर्च से आ जाती है, उनकी पहुँच से दूर हो जाए। हर 50-100 किलोमीटर पर 100 रुपए का टोल टैक्स जो लोगों से वसूला जाता है, उस पर लगाम लगनी चाहिए। उसकी अधिकतम दर 10 से 20 रुपए होनी चाहिए।

चीन से आने वाले सस्ते और घटिया उत्पादों पर भी ड्‍यूटी बढ़ा देनी चाहिए ताकि भारतीय कंपनियों को कम नुकसान हो और लोगों को अच्छा सामान मिले। तीन लाख तक के वेतन को कर मुक्त किया जाना चाहिए। 10 से 20 लाख के वेतन पर 20 फीसदी और 20 लाख से ऊपर वेतन पर 30 से 35 फीसदी कर लगाना चाहिए और टैक्स चोरी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।
- हरप्री त

वित्तमंत्री को चाहिए कि आयकर सीमा एक लाख 10 हजार से बढ़ाकर दो लाख 10 हजार की जाए।
- दिलीप पाटि ल

घरेलू सामान सस्ता होना चाहिए।
- एसपी चौहा न

बजट सभी के लिए होना चाहिए। दैनिक उपयोग की वस्तुएँ सस्ती होनी चाहिए जबकि विलासिता की वस्तुएँ महँगी होनी चाहिए, जैसे- सिगरेट, कार, शराब। कृषि उपकरण, बीज, खाद आदि सस्ते हो जाने चाहिए।
- केश व

जनता पर टैक्स लादने की बजाय फालतू के सरकारी खर्चों पर रोक लगाई जाए। जो पैसा हमारे नेताओं की अय्याशी पर खर्च होता है, सरकार अपने निकम्मे और भ्रष्ट बाबुओं पर खर्च करती है, उस पर रोक लगाना चाहिए।
- सोन ी

भारत के हर नागरिक से टैक्स के रूप में पैसा किसी न किसी रूप में वसूला जाता है। चाहे वह गरीब हो या मध्यम दर्जे के परिवार वाला। टैक्स देने के दायरे में नहीं आता हो फिर भी उसे टैक्स देना पड़ता है। लेकिन जिसे वास्तव में टैक्स देना चाहिए, वह उतना टैक्स नहीं देता। इसलिए इस ओर ध्यान दिया जाए।
- हिम्मतसिंह भाट ी

मंत्री जी, और टैक्स लगाकर क्या गरीब आदमी की जान लोगे? नेताओं से पैसे नहीं वसूल करोगे, जो पब्लिक के पैसे को अपना माल समझकर उड़ा रहे हैं और अपना बैंक बैलेंस बढ़ा रहे हैं।
- किशो र

जब मनमोहनसिंह प्रधानमंत्री बने तो मैंने सोचा था कि अब राशन-पानी सस्ता हो जाएगा, लेकिन इसका बिलकुल उलटा हुआ। अगर प्रधानमंत्री चाहें तो जरूरी चीजें सस्ती हो सकती हैं।
- राजेन्द्रसिं ह

कम्प्यूटर सस्ते होना चाहिए और अनाज महँगे होना चाहिए! यही हो रहा है गरीबों के साथ। कृपया गरीबों के बारे में कुछ तो सोचो।
- नव ल

दैनिक उपयोग की वस्तुएँ सस्ती होनी चाहिए।
- गीता

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