सभी की नजरें थीं प्रणब दा के ‘पिटारे’ पर

Webdunia
सोमवार, 28 फ़रवरी 2011 (15:48 IST)
लोकसभा में सोमवार को एक अलग ही माहौल था। सदन में प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी, विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी से लेकर तमाम बड़े नेता निर्धारित समय से करीब 20 मिनट पहले ही सदन में पहुँच गए थे और सभी ‘जादूगर के पिटारे’ के खुलने का इंतजार कर रहे थे।

11 बजने में अभी एकाध मिनट ही बाकी था कि वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी हाथ में ब्रीफकेस लिए सदन में घुसे। उनकी एंट्री आज थोड़ा ड्रामेटिक थी। आम दिनों के विपरीत वह एकदम किनारे वाले प्रवेश द्वार के बजाय सत्ता पक्ष की ओर दूसरे नंबर के प्रवेश द्वार से अंदर आए। जैसे ही प्रणब दा ने सदन में प्रवेश सत्ता पक्ष और कुछ विपक्षी सदस्यों ने भी मेजें थपथपा कर उनका जोरदार स्वागत किया।

बेहद खुश नजर आ रहे प्रणब ने भी हाथ हिलाकर और हाथ जोड़कर सभी का अभिवादन किया। इस दौरान सभी की निगाहें प्रणब के हाथ में मौजूद ब्रीफकेस पर थीं जिसमें वह बजट भाषण की प्रति रखकर लाए थे।

बजट भाषण के दौरान कई बाद सदस्यों ने तालियाँ बजाकर वित्त मंत्री की घोषणाओं का स्वागत किया और भाषण समाप्त होने पर उनकी बगल में बैठे प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह और सोनिया गाँधी ने उन्हें बधाई दी। (भाषा)

Show comments

जरूर पढ़ें

EPFO से जुड़ी खुशखबरी, ऑटो क्लेम सेटलमेंट लिमिट 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए, आपका कैसे होगा फायदा

क्या भाजपा में शामिल हो रहे हैं कांग्रेस के दिग्गज नेता शशि थरूर?

ऑपरेशन सिंदूर में भाग लेने भर से आपको छूट नहीं मिल सकती, सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा क्यों कहा

1 जुलाई से महंगा हो जाएगा ट्रेन का सफर, रेलवे ने बढ़ाए टिकटों के दाम, जानिए कितनी बढ़ेंगी कीमतें

EC का राहुल गांधी को जवाब, आइए सामने बैठकर करते हैं सभी मुद्दों पर चर्चा

सभी देखें

नवीनतम

LIVE: मोदी कैबिनेट में पास हुआ पुणे मेट्रो पर प्रस्ताव, 3,626 करोड़ रुपए मंजूर

जब ब्रह्मपुत्र नदी का पानी तीन दिन के लिए हो जाता है लाल, जानिए कामाख्या मंदिर के ‘अम्बुबाची पर्व’ का रहस्य

लोकतंत्र की रक्षा के लिए मीसाबंदियों का संघर्ष स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारियों जैसा : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

फ्रांस की महिला पर्यटक के साथ उदयपुर में बलात्कार, यौन उत्पीड़न के मामले में अमेरिका ने पर्यटकों को किया था आगाह

अमेरिकी हमलों के बाद ईरान समर्थक हैकर्स ने बैंकों और तेल कंपनियों को बनाया निशाना