आरबीआई के लिए मुख्य दरों में कटौती की गुंजाइश : जेटली

Webdunia
शनिवार, 28 फ़रवरी 2015 (14:42 IST)
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक द्वारा मुख्य दरों में कटौती की गुंजाइश का जिक्र करते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि खुदरा मुद्रास्फीति करीब 5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है जिससे मौद्रिक नीति में नरमी का रास्ता साफ होगा।

वित्तमंत्री ने 2015-16 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार मौद्रिक नीति का ऐसा ढांचा लागू करेगी जिससे यह सुनिश्चित होगा कि मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से कम रहे।

उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति पर हमारी विजय संस्थागत रहे और बरकरार रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए हमने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति ढांचा समझौता किया है।

इस ढांचे का लक्ष्य है मुद्रास्फीति को 6 प्रतिशत से कम रखना और हम इस साल आरबीआई अधिनियम में संशोधन करेंगे और मौद्रिक नीति समिति की व्यवस्था करेंगे।

उन्होंने कहा कि मेरी सरकार की उपलब्धियों में से एक है मुद्रास्फीति पर विजय प्राप्त करना। मुद्रास्फीति में गिरावट से ढांचागत बदलाव की जरूरत होगी।

उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति इस साल के अंत तक करीब 5 प्रतिशत रहेगी। इससे मौद्रिक नीति को उदार बनाने में मदद मिलेगी। पिछले बजट में वित्तमंत्री ने कहा था आधुनिक मौद्रिक नीति ढांचे की जरूरत है ताकि तेजी से जटिल होती अर्थव्यवस्था की चुनौती से मुकाबला किया जा सके।

उन्होंने कहा था कि सरकार इस ढांचे को लागू करने के लिए रिजर्व बैंक के साथ परामर्श कर रही है। (भाषा)
Show comments

जरूर पढ़ें

Exit Poll : वोटिंग खत्म होने के बाद RSS मुख्यालय पहुंचे देवेंद्र फडणवीस, मोहन भागवत से की मुलाकात

Exit Poll 2024 : झारखंड में खिलेगा कमल या फिर एक बार सोरेन सरकार

महाराष्ट्र में महायुति या एमवीए? Exit Poll के बाद बढ़ा असमंजस

महाराष्‍ट्र बिटकॉइन मामले में एक्शन में ईडी, गौरव मेहता के ठिकानों पर छापेमारी

BJP महासचिव विनोद तावड़े से पहले नोट फॉर वोट कांड में फंसे राजनेता

सभी देखें

नवीनतम

जीतू पटवारी की नई टीम की पहली बैठक से दिग्गज नेताओं ने बनाई दूरी, स्वागत में बिछाया गया था रेड कॉर्पेट

इंदौर में हटेगा BRTS, मुख्यमंत्री मोहन यादव का बड़ा ऐलान

BJP ने केजरीवाल के आवास के बाहर किया प्रदर्शन, हिरासत में लिए गए नेता

Moody's Ratings ने कहा, गौतम अडाणी पर रिश्वत के आरोप साख की दृष्टि से नकारात्मक

अमेरिका के रिश्‍वतखोरी के आरोपों पर क्या बोले अडाणी?