बड़ा होता है वही जिसमें हो बड़प्पन

Webdunia
गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगो र को उनकी अमर कृति ' गीतांजलि' के लिए नोबेल पुरस्कार मिलने की खबर से सारे देश में प्रसन्नता की लहर दौड़ गई। देश-विदेश से उन्हें बधाई के संदेश आने लगे। छोटे-बड़े, नामी-गिरामी सभी लोग उनके घर आकर उन्हें बधाई दे रहे थे। दूर-दूर से लोग आ रहे थे।

परंतु एक व्यक्ति उनके पास होने के बाद भी उन्हें बधाई देने की बजाय उनकी सफलता पर बेचैन हो रहा था। वह था उनका पड़ोसी। जब से पुरस्कार की घोषणा हुई थी, वह गुरुदेव के घर पर जमा लोगों की भीड़ को देखकर समझ ही नहीं पा रहा था कि उन्होंने ऐसा कौन-सा महान कार्य कर दिया, जो लोग पागलों की तरह आकर उन्हें बधाई दे रहे हैं। न केवल बधाई दे रहे हैं, बल्कि बहुत से तो उनके पाँव भी छू रहे हैं।

वह मन ही मन कुढ़ रहा था। गुरुदेव को भी यह बात समझ में नहीं आ रही थी कि उनका पड़ोसी उनसे मिलने क्यों नहीं आया। वह नाराज है या कोई और बात है। एक दिन जब वे सुबह टहल रहे थे कि अचानक उनके मन में विचार आया और वे अपने पड़ोसी के घर पहुँच गए। उस समय वह चाय पी रहा था। गुरुदेव आगे बढ़े और उन्होंने झुककर उसके चरण स्पर्श किए और बोले- आशीर्वाद चाहूँगा।
  गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर को उनकी अमर कृति 'गीतांजलि' के लिए नोबेल पुरस्कार मिलने की खबर से सारे देश में प्रसन्नता की लहर दौड़ गई। देश-विदेश से उन्हें बधाई के संदेश आने लगे। छोटे-बड़े, नामी-गिरामी सभी लोग उनके घर आकर उन्हें बधाई दे रहे थे।      


गुरुदेव के व्यवहार से वह व्यक्ति आश्चर्य में पड़ गया। उसे इस बात की कतई उम्मीद नहीं थी कि वह व्यक्ति जिससे मिलने और आशीर्वाद लेने बड़े से बड़ा व्यक्ति आ रहा है, वह अपनी सफलता के लिए आशीर्वाद लेने अपने पड़ोसी के घर आकर उसके पैर छुए।

उसे आत्मग्लानि होने लगी। उसका गला भर आया। वह बोला- गुरुदेव, आप ही नोबेल पुरस्कार पाने के सच्चे हकदार हैं। यह आप जैसे व्यवहार के धनी व्यक्ति को ही मिलना चाहिए। और ऐसा कहकर वह उनके पैरों में झुक गया।

दोस्तो, इसी को कहते हैं बड़प्पन। आदमी धन-दौलत या पद से बड़ा नहीं होता। वह बड़ा होता है अपने व्यवहार से। कहते भी हैं कि जो धनवान, बलवान, गुणवान, ज्ञानवान होने के बाद भी अभिमान से दूर रहे, वही सही अर्थों में बड़ा है, उसके अंदर ही बड़प्पन है। यदि गुरुदेव के अंदर अहं होता तो वे निश्चित ही पड़ोसी के घर जाकर उसके पैर नहीं छूते।

अपने बड़प्पन की वजह से ही वे अपने पड़ोसी के सामने झुककर और भी बड़े हो गए। कह सकते हैं कि ठोकर खाने के अलावा झुककर भी व्यक्ति 'ठाकुर' बन सकता है। अब आप इसे रवीन्द्रनाथ ठाकुर मानें या कोई भी ऐसा सफल व्यक्ति जिसमें बड़प्पन का गुण है।

दूसरी ओर, कई लोग थोड़ी-सी सफलता मिलने पर ही घमंड से फूल जाते हैं। उनके पैर जमीन पर नहीं पड़ते, वे हवा में उड़ने लगते हैं और बाकी लोग उन्हें अपने से छोटे लगने लगते हैं, दिखाई देने लगते हैं। यहाँ तक कि वे लोग भी, जो उनकी सफलता में कहीं न कहीं भागीदार रहे हैं।

तभी तो आदमी अकसर सफल होते ही ऐसे लोगों से अपना मुँह मोड़ लेता है, क्योंकि तब वे उसे अपने स्तर के नहीं लगते। ऐसी सोच वाले लोगों को हम छोटे दर्जे की सोच वाला कहेंगे।

ऐसे लोग सफलता के अभिमान में छोटी-छोटी बातों से प्रभावित होने लगते हैं, जबकि बड़ापन इसमें है कि आप इन बातों से ऊपर उठकर सोचें और व्यवहार करें। बड़े होकर व्यवहार की शालीनता ही तो बड़प्पन की निशानी है। यदि आप ऐसा नहीं करते तो इसका असर आप पर ही पड़ेगा। लोगों पर अपनी श्रेष्ठता का प्रदर्शन करने का प्रयास करोगे तो वे आपसे प्रभावित तो नहीं होंगे, उल्टे कहेंगे कि 'होगा अपने घर का बड़ा, हमारा क्या बिगाड़ लेगा।' जबकि यदि आपका व्यवहार शालीन होगा तो लोग खुद ही आगे रहकर आपका सम्मान करेंगे यानी आपको बड़ा मानेंगे और कहेंगे कि आदमी हो तो ऐसा।

और अंत में, आज गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर की जयंती है। इस अवसर पर प्रण करें कि उनके जैसी परिस्थिति का सामना बड़प्पन का प्रदर्शन करते हुए करेंगे। अपनी सफलताओं से अप्रभावित रहकर हमेशा अपने पाँव जमीन पर टिकाकर रखेंगे।

इस तरह छोटी-छोटी बातों के चक्कर में नहीं पड़ेंगे, तभी वास्तविक अर्थों में बड़े बनेंगे, वर्ना बड़े बनकर भी छोटे रह जाएँगे। अरे भई, तारीफ के हकदार तो आप हैं। आखिर आप से ही तो सीखकर कुछ कर पाने के काबिल बने हैं, कर पा रहे हैं।
Show comments

जरूर पढ़ें

1 july rule changes : ATM से लेकर Railway तक 1 जुलाई से होने वाले है 5 बड़े बदलाव, नहीं जानेंगे तो पछताएंगे

Amarnath Yatra : दोहरे खतरे में है अमरनाथ यात्रा, चुनौती बनने लगी सभी के लिए

कोलकाता गैंगरेप मामले की SIT करेगी जांच, 4 लोगों पर पुलिस ने कसा शिकंजा

बिहार में भी दोहराई सोनम जैसी कहानी, प्रेमी की मदद से पति की हत्या

गाजर का हलवा अपने साथियों को खिलाया, शुभांशु शुक्ला से PM मोदी ने पूछा सवाल

सभी देखें

नवीनतम

8 साल बाद रेलवे में आ रही हैं इस पद के लिए बंपर भर्तियां

अब UPSC फेल होकर भी मिलेगी सरकारी और प्राइवेट नौकरी, जानिए प्रतिभा सेतु योजना कैसे बनेगी सफलता का नया मार्ग

आपको 'दिमाग से पैदल' बना रहा है ChatGPT, जानिए AI पर इस लेटेस्ट रिसर्च में क्या हुआ खुलासा

क्यों Gen Z को नौकरी देने से बच रहीं हैं कंपनियां? वजह जानकर चौंक जाएंगे आप

ईरान क्यों पढ़ने जाते हैं भारतीय छात्र, जानिए क्या हैं आकर्षण