लेदर इंडस्ट्री में अवसरों की विविधता

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- अशोक सिंह

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लेदर इंडस्ट्री का भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। बहुमूल्य विदेशी मुद्रा की कमाई करने वाले प्रमुख क्षेत्रों में लेदर इंडस्ट्री का नाम भी लिया जाता है। देश में लेदर से तैयार विभिन्न उत्पादों का बाजार लगभग 20 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ रहा है। इस उद्योग से लगभग 30 लाख लोगों को प्रत्यक्ष या परोक्ष तौर पर रोजगार मिला हुआ है।

लेदर इंडस्ट्री में डिजाइनिंग, प्रोडक्शन और मार्केटिंग से जुड़े तकनीकीकर्मी के रूप में करियर निर्माण के बारे में सोचा जा सकता है।

डिजाइनिंगः

डिजाइनरों की विशेषज्ञता का प्रयोग प्रायः सभी प्रकार की इंडस्ट्री में भारी पैमाने पर हो रहा है। कंप्यूटर के माध्यम से डिजाइनिंग की नई से नई परिकल्पनाओं को मूर्त रूप गारमेंट, फुटवियर अथवा अन्य लेदर एसेसरी के रूप में देना ही इनका दायित्व होता है। इस करियर को अपनाने के लिए मौलिक सोच, कल्पनाशील और धैर्यवान होने के साथ धुन का पक्का और परिश्रमी होना सर्वाधिक आवश्यक है।

देश-विदेश में इस क्षेत्र में किस प्रकार के डिजाइन प्रयोग लाए जा रहे हैं और विभिन्न परिवेशों के लिए उपयुक्त डिजाइन कैसे विकसित किए जाएँ, बस यही कुछ लक्ष्य होना चाहिए इस राह में सफल होने के लिए। हालाँकि इसमें भी टेक्निकल और स्टाइलिस्ट डिजाइनरों की अलग-अलग धाराएँ हैं। टेक्निकल डिजाइनरों के लिए पैटर्न मेकिंग, कटिंग, डिजाइनिंग इत्यादि में ट्रेंड होना जरूरी है तो वहीं दूसरी ओर स्टाइलिस्ट डिजाइनरों का काम उत्पादों को फैशन और स्टाइल की दृष्टि से सँवारने का होता है।

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प्रोडक्शनः

इस विषय में पारंगतता हासिल करने के लिए टैनरी से लेकर मानवश्रम आधारित प्रोडक्शन, मशीनीकृत प्रोडक्शन और स्वयंचालित मशीनों के इस्तेमाल से संबंधित औपचारिक ट्रेनिंग लेनी जरूरी कही जा सकती है। इनका कार्य फैक्ट्रियों और लेदर प्रोडक्ट्स उत्पादन इकाइयों में गुणवत्ता सहित बेहतरीन उत्पादन कार्य करने से संबंधित है। तमाम सरकारी और निजी क्षेत्र के संस्थान इस प्रकार के ट्रेनिंग कोर्स संचालित करते हैं। इनमें दसवीं से लेकर गे्रजुएट युवा ट्रेनिंग ले सकते हैं।

मार्केटिंगः

अन्य महत्वपूर्ण उपभोक्ता उत्पादों की भाँति चर्म उत्पादों की मार्केटिंग के लिए भी विशेष रूप से प्रशिक्षित होना निस्संदेह सफलता की ऊँचाइयों को छूने में मददगार सिद्ध हो सकता है। इस प्रकार के प्रोफेशनलों की संख्या अपेक्षाकृत कम कही जा सकती है लेकिन आने वाले समय में इनकी माँग में तेजी आनी निश्चित है।


लेदर इंडस्ट्री से संबंधित ट्रेनिंग देने वाले प्रमुख संस्थान

सेंट्रल लेदर रिसर्च इंस्टिट्यूट, अडयार, चेन्नई

सेंट्रल फुटवियर ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट, चेन्नई

फुटवियर डिजायन एंड डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट, नोएडा

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