वॉटर साइंस- पानी से बनाएं कैरियर

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पृथ्वी के 70 प्रतिशत हिस्सा पानी से घिरा हुआ है। जल जीवन का स्रोत होने के साथ करियर क्षेत्र भी है। पानी में भी एक जल वैज्ञानिक के रूप में करियर संवारा जा सकता है। जल वैज्ञानिक के रूप में जहां आप पानी पर कई प्रयोग कर सकते हैं, वहीं सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में अच्‍छे वेतनमान पर अच्छा पद भी पा सकते हैं।

जल वैज्ञानिक जलीय पर्यावरण की सुरक्षा और प्रबंधन के लिए गतिविधियों का संचालन करते हैं। जल वैज्ञानिकों का कार्य जल के नमूने लेकर उनका रासायनिक विश्लेषण करना, हिम तथा ग्लेशियर का अध्ययन, बाढ़ के कारणों और इससे उत्पन्न होने वाली समस्याओं के समाधान आदि कार्य आते हैं।

जल वैज्ञानिक के रूप में सरकारी और गैर सरकारी संगठनों में परामर्शकर्ता के रूप में करियर बना सकते हैं। इसके सिविल इंजीनियरिंग, पर्यावरणीय प्रबंधन और मूल्याकंन में सेवाएं उपलब्ध कराना। इसके अलावा नई विश्लेषणात्मक तकनीकों के जरिए शिक्षण और अनुसंधान कार्य भी कर सकते हैं।

करियर बनाने के अवसर- यूटिलिटी कंपनियों और सार्वजनिक प्रा‍धिकरण के साथ जुड़कर जलापूर्ति और सीवरेज सिस्टम्स का प्रबंधन कर सकते हैं।
वॉटर साइंस और वॉटर रिसोर्स जैसे सब्जेक्ट्‍स में देश की कई यूनिवर्सिटीज में स्नातक और स्नातकोत्तर कोर्सेस होते हैं। इसमें कई कोर्स फुल टाइम और कई पार्ट टाइम कोर्स होते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि जिस संस्थान से कोर्स करें वह मान्यता प्राप्त हों।
वॉटर साइंस के कुछ संस्थान हैं-
- एमएस बड़ौदा यूनिवर्सिटी, (वड़ोदरा)।
- इंजीनियरिंग कॉलेज, रायपुर (छत्तीसगढ़)।
- श्री गुरुगोबिंदसिंहजी कॉलेज, नांदेड़।
- इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली।
- क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेज, तिरूचिरापल्ली।
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रूड़की (उत्तराखंड)।
- आंध्र यूनिवर्सिटी, विशाखापत्तनम।
- दिल्ली कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग, दिल्ली।

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