10 वीं के बाद विषय चयन

Webdunia
- मीना भंडारी
यकीनन करियर की ऊँची मंजिलें 10वीं के बाद उपयुक्त विषय चयन पर आधारित होती हैं। एक समय था, जब करियर प्लानिंग ग्रेजुएशन के बाद किया जाता था। फिर करियर प्लानिंग 12वीं के बाद किया जाने लगा, किंतु अब करियर प्लानिंग का सबसे उचित समय 10वीं कक्षा के रिजल्ट आने के बाद ही माना जाने लगा है। ऐसे करियर प्लानिंग के लिए किसी अनुभवी करियर काउंसलर का मार्गदर्शन उपयोगी होता है।

यह जरूरी है कि विद्यार्थी की अभिरुचि, दक्षता और क्षमता का मूल्यांकन करके 10वीं के बाद उपयुक्त विषय चयन पर आधारित उजली डगर पर विद्यार्थी को आगे बढ़ाया जाए। ऐसा होने पर विद्यार्थी अपनी पूरी शक्ति और परिश्रम से निर्धारित करियर की डगर पर आगे बढ़ पाते हैं। यदि विद्यार्थियों को मालूम हो कि कौन-से कोर्स करियर की ऊँचाई देने वाले हैं? कौन-सी शिक्षण संस्थाएँ वास्तव में श्रेष्ठ हैं? प्रगति के लिए कौन-सी योग्यता और विशेषता जरूरी है? तो निश्चित रूप से उनका परिश्रम और समय का पूर्णरूपेण सार्थक उपयोग हो पाएगा।

सामान्यतः हाईस्कूल स्तर की 10वीं कक्षा के बाद 11वीं में प्रवेश के समय प्रमुख रूप से पाँच विषयों में से किसी एक विषय को विद्यार्थी द्वारा चुना जाता है। ये विषय हैं- गणित, जीव विज्ञान, वाणिज्य, कला तथा कृषि। इन मूल विषयों में से किसी एक विषय को चुनने के साथ-साथ कोई एक अतिरिक्त विषय भी लेने की व्यवस्था कई हायर सेकंडरी स्कूलों में उपलब्ध है, जैसे कॉमर्स विथ मैथ्स, बॉयोलॉजी विथ बायोटेक्नॉलॉजी, मैथ्स विथ फिजिकल एजुकेशन आदि। उपयुक्त विषय चुनकर उनकी पढ़ाई के साथ-साथ दो वर्षों तक विद्यार्थी उन प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर सकता है जिनमें उसे 12वीं के बाद सम्मिलित होना है।

10 वीं के बाद विषय चयन और करियर का निर्धारण करते समय कुछ और बातों पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। यदि विद्यार्थी औसत योग्यता का है या फिर उसे पारिवारिक परिस्थिति के कारण जल्दी धनार्जन करना आवश्यक है तो उसे 10वीं के बाद ऐसे कोर्स चुनने चाहिए, जो 12वीं कक्षा की पढ़ाई तक विद्यार्थी का व्यवसायी कौशल बढ़ाकर उसे रोजगार दिला सकें। इस संदर्भ में स्वरोजगार, कृषि, तकनीकी, पैरामेडिकल, कम्प्यूटर और कॉमर्स इत्यादि क्षेत्रों में ऐसे कई रोजगार उपलब्ध हैं, जो छोटे-छोटे डिप्लोमा करने के बाद शुरू किए जा सकते हैं।

ऐसे कई रोजगारमूलक छोटे-छोटे पाठ्यक्रम हैं, जो दो वर्ष में सरलता से पूरे किए जा सकते हैं। जो विद्यार्थी अधिक प्रतिभाशाली हैं, उन्हें उपयुक्त स्नातक और स्नातकोत्तर कोर्स की ओर बढ़ना चाहिए। गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्राप्त कर विद्यार्थी करियर के अधिक अच्छे रास्ते पर आगे बढ़ सकते हैं। कला के छात्रों के लिए अर्थशास्त्र, हिन्दी भाषा, अँगरेजी भाषा, भूगोल, विधि, समाजशास्त्र, राजनीति विज्ञान, मनोविज्ञान आदि मानविकी विषयों में करियर होते हैं। कॉमर्स के छात्रों के लिए वित्त, बैंकिंग, सीए, सीएम, सीएफए, कास्ट एकाउंटेंसी, बीमा, विपणन, विदेश व्यापार आदि में करियर होते हैं। विज्ञान के छात्रों के लिए इंजीनियरिंग, मेडिकल, बायोटेक्नॉलॉजी, मर्चेंट नेवी, अंतरिक्ष विज्ञान, कम्प्यूटर तथा सूचना प्रौद्योगिकी में अनेक करियर हैं। इतना ही नहीं, गणित, रसायन और भौतिक शास्त्र में विशेषज्ञता किए जाने पर करियर की अपार संभावनाएँ हैं। कई ग्लैमरस और प्रतिष्ठापूर्ण करियर लगभग सभी छात्रों के लिए खुले रहते हैं। एयरलाइंस, ट्रैवल एंड टूरिज्म, विभिन्ना प्रकार के प्रबंधन के पाठ्यक्रम, मॉडलिंग, जनसंचार, फैशन डिजाइनिंग आदि।

गौरतलब है कि किसी भी विद्यार्थी द्वारा 10वीं के बाद विषय चयन और करियर के बारे में निर्णय करते समय दो और करियर निर्धारक आयामों पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए, ये हैं- विद्यार्थी का आत्मविश्लेषण और करियर से संबंधित कार्य-विश्लेषण के आयाम। आत्मविश्लेषण के तहत यदि विद्यार्थी स्वयं आत्ममंथन करे तो उसे करियर को प्रभावित करने वाली कई बातें मालूम हो सकती हैं। स्कूल-कॉलेज में उसने किन गतिविधियों में भाग लिया और सफलताएँ पाईं।

विद्यार्थी स्वयं सोच सकता है कि उसका स्वभाव कैसा है, वह कल्पनाशील है, दृढ़ निश्चयी है, शांत स्वभाव का है या साहसी है। करियर निर्माण में जितना महत्व आत्मविश्लेषण का है, उतना ही महत्व कार्य विश्लेषण का भी है। विद्यार्थी को यह मालूम होना चाहिए कि उसे करियर के लिए जो परीक्षाएँ देना होंगी, उनकी प्रकृति कैसी होगी? विद्यार्थियों को यह भी मालूम होना चाहिए कि चूँकि अब सरकारी नौकरियाँ कम होती जा रही हैं, अतएव निजी क्षेत्र की कंपनियों में कर्मचारियों और अधिकारियों के रूप में नौकरी प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी किस तरह तैयारी करें। विद्यार्थी को यह भी मालूम होना चाहिए कि वर्तमान में जो करियर उपयुक्त दिखाई दे रहा है, उसकी भविष्य में क्या संभावनाएँ हैं? विद्यार्थी को अपना करियर निर्धारित करते समय पहली करियर प्राथमिकता के साथ-साथ करियर की दूसरी प्राथमिकता के बारे में भी जानकारी होना चाहिए।

अत्यधिक प्रतिस्पर्धा के कारण पहली प्राथमिकता का करियर न मिलने पर दूसरी प्राथमिकता का करियर भी विद्यार्थी को जीवन में चिंता और तनाव से बचा लेता है। सचमुच इस समय देश और दुनिया में भारतीय प्रतिभाओं के लिए करियर अवसरों की कोई कमी नहीं है। 10वीं में सफलता प्राप्त करने वाले छात्रों को चाहिए कि वे उपयुक्त करियर मार्गदर्शन से करियर की उजली डगर पर आगे बढ़ने के लिए करियर प्लानिंग करें। विद्यार्थी अपनी रुचि, क्षमता और व्यक्तित्व के मूल्यांकन पर आधारित विषय चयन करें। ऐसे विषय चयन और करियर निर्धारण के बाद यदि वे समर्पित परिश्रम और संकल्प के साथ करियर की डगर पर आगे बढ़ेंगे तो उन्हें करियर की ऊँची चमकीली मंजिल अवश्य प्राप्त होगी।

Show comments

जरूर पढ़ें

PoK तुरंत छोड़ दे Pakistan, बलूच नेताओं की धमकी, अब क्या करेगा आतंकिस्तान

पहले भी महिलाओं पर दिए बयानों से विवाद में रहे है मंत्री विजय शाह, पुलिस ने भी की थी पिटाई

देश की पहली महिला राफेल पायलट हैं शिवांगी सिंह, जिन्हें पकड़ने का पाकिस्तान ने किया झूठा दावा, जानिए उनकी कहानी

Bhargavastra : आ गया दुश्मनों के ड्रोन्स का काल, Pakistan और China के हर वार को आसमान में ही कर देगा भस्म, देखें Video

itel A90 : 7000 रुपए से भी कम कीमत में लॉन्च हुआ iPhone जैसा दिखने वाला स्मार्टफोन

सभी देखें

नवीनतम

CBSE Toppers List नहीं होगी जारी, टॉप 0.1 प्रतिशत छात्रों को दिए जाएंगे Certificate, जानिए क्या है कारण

इस आसान फ़ॉर्मूले से याद करें विश्व के 7 बड़े देश, 1 बार याद कर लिया तो जिंदगी भर नहीं भूलेंगे

CBSE 10th, 12th Result 2025 : सीबीएसई 10वीं-12वीं के रिजल्ट को लेकर digilocker पर आया बड़ा अपडेट, जानिए कब घोषित होंगे नतीजे

WBCHSE HS 12th Result : बंगाल में 12वीं के परीक्षा परिणाम घोषित, जानिए कितने फीसदी छात्र हुए उत्तीर्ण

Gujarat HSC Result : गुजरात बोर्ड 12वीं के परीक्षा परिणाम घोषित, जानिए कला और विज्ञान में कितने फीसदी छात्र हुए उत्‍तीर्ण