एनर्जी यानी ऊर्जा मानव की एक बहुत ही बुनियादी आवश्यकता है। ऊर्जा चाहे बिजली के रूप में हो या फिर तेल या गैस के रूप में, जीवन के हर क्षेत्र में हमें एनर्जी की आवश्यकता होती है। एनर्जी सेक्टर एक ऐसा फील्ड है जिसमें हमेशा उत्पादन से अधिक मांग की ही आवश्यकता रहती है। एनर्जी की बढ़ती मांग के साथ ही ऊर्जा के परंपरागत स्रोतों जैसे तेल, कोयले और गैस का अत्यधिक इस्तेमाल बढ़ा है। लेकिन हमें ज्ञात है कि तेल, गैस और कोल के भंडार सीमित हैं और एक दिन ये समाप्त हो जाएंगे इसलिए दुनियाभर के देशों में वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों पर तेजी से काम हो रहा है।
आज सोलर तथा विंड पॉवर या पवन ऊर्जा के विकास में बहुत काम हो रहा है। भारत भी इस मामले में आगे बढ़ रहा है। विश्वभर में समग्र संस्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता के मामले में हमारा देश विश्व में 5वें स्थान पर है। हमारे देश में आबादी के अनुपात आने वाले समय में भी ऊर्जा की मांग लगातार बढ़ने वाली है। ऐसे में सोलर एनर्जी का विस्तार हमारे यहां बहुत तेजी से हो रहा है। पॉवर के लिए सोलर एक बेहतरीन विकल्प है। देशभर में सोलर एनर्जी के अनेक प्रोजेक्ट चल रहे हैं। यही कारण है कि सोलर एनर्जी करियर के लिहाज से भी संभावनाओं से भरा हुआ क्षेत्र है।
देश में सोलर पॉवर को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन चल रहा है। इस मिशन का लक्ष्य दीर्घकालिक समय में नीतिगत और बड़े स्तरों पर परिनियोजनों का निर्धारण, क्रियान्वयन करते हुए इस क्षेत्र के तय लक्ष्यों को प्राप्त करते हुए महत्वाकांक्षी अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही सोलर एनर्जी क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण कच्चे माल, अवयवों और उत्पादों के घरेलू स्तर पर उत्पादन के जरिये भारत में सौर ऊर्जा की लागत को कम कर इसे जन-जन तक पहुंचाना है।
भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया में ज्यादातर देश सोलर एनर्जी के क्षेत्र में तेजी से निवेश कर रहे हैं। ऐसे में इस सेक्टर में विभिन्न प्रकार के कौशलयुक्त मानव संसाधन की मांग बढ़ रही है। तो अगर आप करियर के एक यूनिक विकल्प को खोज रहे हैं तो सोलर एनर्जी एक बेहतरीन क्षेत्र है। यह एक ऐसा सेक्टर है जिसमें आने वाले भविष्य में इस क्षेत्र में नौकरी के कई अवसर होंगे।
सोलर एनर्जी, इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट का मिला-जुला सेक्टर है। इसमें किसी इलाके में रिसर्च करके वहां एनर्जी की डिमांड व सप्लाई का आकलन करके उसके लिए एक रणनीति या प्लान तैयार करना होता है। इसके बाद एनर्जी प्रोडक्शन के लिए इन्फ्रास्टक्चर का विकास कर पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन चैनल का विकास इंजीनियर्स की पूरी एक टीम करती है। कुल मिलाकर इस फील्ड में तकनीक, प्रौद्योगिकी और प्रबंधन के उच्च कौशलयुक्त लोगों की खासी मांग होती है।
सोलर पैनल, सोलर एनर्जी से चलने वाले उपकरण, हीटिंग व कूलिंग सिस्टम डेवलपर्स आदि लोगों की बहुत मांग है। इसके साथ ही सोलर एनर्जी से संबंधित मशीनों और टूल्स के रखरखाव के लिए भी प्रशिक्षित लोग चाहिए। इसलिए सोलर एनर्जी सेक्टर में अभी इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियंरिग के साथ ही केमिकल, इंडस्ट्रियल और कम्प्यूटिंग के दक्ष लोगों की भी मांग है। इस फील्ड में अभी तो विशेषज्ञता वाले लोगों की ही ज्यादातर डिमांड है लेकिन कुछ समय बाद डिप्लोमा और आईटीआई तथा विशेष प्रशिक्षणों के सर्टिफिकेट वाले लोगों के लिए भी रोजगार के अवसर खुलेंगे। सोलर एनर्जी सेक्टर में अभी ज्यादा डिमांड फील्ड वर्क वाले लोगों की है जिनको प्रोजेक्ट्स की साइट्स पर जाकर काम करना पड़ता है।
पेरिस जलवायु समझौते के तहत भारत साल 2030 तक गैर जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 40 प्रतिशत बिजली पैदा करने का लक्ष्य हासिल करेगा इसलिए देश में सोलर पैनल्स को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह संकेत है कि आने वाले वक्त में सौर ऊर्जा का कारोबार बड़ी संभावनाएं होंगी। इसके साथ ही स्वरोजगार के भी बहुत से अवसर बनेंगे। इंटरनेशनल रिन्यूएबल एनर्जी एजेंसी के एक अनुमान के मुताबिक दुनियाभर में पिछले 1 साल में रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में 11 मिलियन से ज्यादा नौकरियां पैदा हुई हैं।
भारत भी इस सेक्टर में तेजी से उभरता हुआ मुल्क है। इंजीनियरिंग कॉलेजों, पॉलिटेक्निक तथा आईटीआई आदि संस्थाओं के साथ अनेक विशिष्ट संस्थान भी सोलर एनर्जी संबंधी डिग्री, डिप्लोमा तथा सर्टिफिकेट अनेक पाठ्यक्रम करवा रहे हैं। इए तरह के इनोवेटिव कोर्सेस आज समय की आवश्यकता है। इसके अलावा सोलर सेक्टर में करियर के लिहाज से एनर्जी पॉलिसी, पॉवर मैनेजमेंट, सोलर एनर्जी एंड फोटोवॉल्टिक रिन्यूएबल एनर्जी के साथ ही जियोथर्मल एनर्जी जैसे कोर्सेस में भी ग्रेजुएशन या मास्टर्स कोर्स कर सकते हैं।
देश में तमाम बड़ी कंपनियां सोलर एनर्जी सेक्टर में निवेश कर रही हैं। निश्चित है कि इस तरफ युवाओं के लिए में भरपूर मौके बन रहे हैं। शुरुआती तौर पर इस सेक्टर में फ्रेशर्स को 3 से 4 लाख रुपए सालाना का पैकेज मिल जाता है और फिर अनुभव के साथ ही सैलरी में भी बढ़ोतरी होती रहती है। 5 से 10 साल तक के अनुभवी लोगों को 2 लाख रुपए प्रतिमाह तक सैलरी मिल सकती है। कई विदेशी मुल्कों, खासकर यूरोप में सोलर एनर्जी, पॉलिसी के विषयों में एक्सपर्ट्स की भी खासी डिमांड है। वहां इन विषयों में अध्यापन और रिसर्च करने वाले लोगों के लिए भी
बेहतर करियर मौजूद हैं।
इसलिए अगर आप एनर्जी या इंजीनियरिंग के किसी फील्ड में रुचि रखते हैं और अपना करियर एक नए विकल्प के साथ शुरू करना चाहते हैं तो सोलर एनर्जी सेक्टर आपके लिए सबसे अच्छा साबित हो सकता है। समाज को पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा का एक विकल्प देकर आप इस सेक्टर में रोजगार और स्वरोजगार शुरू कर सकते हैं। सोलर सेक्टर आपके लिए समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने वाला करियर भी हो सकता है।