पेड़-पौधों में रुचि बना सकती है उज्ज्वल भविष्य

Webdunia
- दीपिका शर्मा

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पिछले चार दशकों में भारत ने कृषि-जगत में बेहतरीन विकास किया है और इस दिशा में 'बीज क्षेत्र' की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण है। कुल वैश्विक बीज बाजार की तुलना में (जो की करीब 21 अरब डॉलर प्रति वर्ष है), भारतीय बीज बाजार की हिस्सेदारी लगभग 900 मिलियन डॉलर है। इन आँकड़ों से साफ पता चलता है कि भारतीय परिदृश्य से इस क्षेत्र में काफी संभावनाएँ मौजूद है।

प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ. एम.एस स्वामीनाथन ने इस संबंध में भारत की क्षमता तो उजागर किया है। उन्होंने ये अनुमान भी लगाए है कि भारत समूचे विश्व के बीज व्यापार के एक चौथाई भाग पर आसानी से कब्जा कर सकता है। ग्रामीण रोजगार, आय और गरीबी के परिदृश्य आजकल बदलते जा रहे हैं। अतः कृषि से जुड़े इस क्षेत्र में छात्रों के लिए असीमित संभावनाएँ हैं।

बीज उद्योग और इसका अध्ययन भी कई है शाखाओं में विभाजित हैः

आनुवांछिक एवं पादप प्रजनन

किसी भी बीज उत्पादन संगठन के लिए प्रजनन मूलतः शक्ति में बदलाव की रचना प्रक्रिया है। एक योग्य ब्रीडर प्रजननकर्ता में प्रजनन कार्यक्रम हेतु चुनिंदा पौधों की तरह रचनात्मक और चयनात्मक नज़रिया होना चाहिए।

वृक्ष विकृति विज्ञान

एक उच्च उपज प्राप्त करने में रोग एक प्रमुख भूमिका निभाता है। सामाधान का पता लगाने के लिए चुनौती लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

कृषि शास्त्र अथवा कृषि विज्ञान

कृषि-शास्त्र को हम कृषि की जननी भी कह सकते हैं। बीज की नई किस्म को रीलीज करने से पहले बीज निर्माताओं के लिए आवश्यक है कि वे बीज पर मल्टीलोकेशन परिक्षण कर लें। कृषि वैज्ञानिकों के पास बीज उत्पादन इकाइयों की देखरेख का भी अवसर होता है।

कीट विज्ञान

कीटनाशकों से फसल को नुकसान होना आम बात है। कीटविज्ञानी विभिन्न स्तरों पर कार्य करते हैं।

जैव प्रौद्योगिकी

ट्रांसजेनिक फसलों की शुरुआत के लिए जैव प्रौद्योगिकी ने एक आसान रास्ता बनाया है। सरल आनविक तकनीकों एंव आवुवांछिक मार्कर के माध्यम से जैविक प्रौद्योगिकिविद् बीज गुणवत्ता मानकों का निर्धारण तेजी से कर सकते हैं।

बीज प्रौद्योगिकी

बीज प्रोद्यौगिकी वैज्ञानिक बेहतरीन गुणवत्ता के बीज उत्पादन और आपूर्ति पर निगरानी रखते हैं। अंतिम पैकिंग एवं विपणन से पहले अनुकरण, पवित्रता व नमी आदि जैसे तत्वों पर गुणवत्ता का मूल्यांकन किया जाता है और उसको बीज अधिनियम के मानक रखा जाता है।

मृदा विज्ञान

पौधे और मिट्टी के संबंध व संपर्क के अध्ययन हेतु मृदा विज्ञान के छात्रों के पास भी बीज उद्योग में काफी अवसर हैं। इस प्रकार इस तमाम विषयों पर अलग-अलग रोज़गार उपलब्ध हैं। सरकार भी अपनी तारफ से सभी प्रकार की सुविधाएँ प्रदान कर रही है। यदि आप एक प्रकृति प्रेमी हैं और पेड़-पौधों में खास रुचि लेते हैं, तो बीज उद्योग आपके लिए एक उत्तम तथा उज्ज्वल करियर बना सकता है।

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