आप भी कन्‍फ्युज तो नहीं

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- नूपुर दीक्षित

इन दिनों स्‍वाति बड़ी उदास रहती है। उसे इस बात का मलाल है कि वो एक अच्‍छा करियर नहीं बना पाई। वैसे स्‍वाति ने स्‍कूल से लेकर कॉलेज तक पढ़ाई में बहुत मेहनत की। स्‍वाति के अंदर प्रतिभा की भी कोई कमी नहीं थी।

आप जरूर यही सोच रहे होंगे कि जब स्‍वाति में प्रतिभा हैं और उसने मेहनत भी की, फिर वो अपने करियर को लेकर दुखी क्‍यों है? दरअसल स्‍वाति ने मेहनत तो बहुत की, लेकिन हर बार अलग-अलग दिशाओं में स्‍वाति अपनी उर्जा को खर्च करती गई।

स्‍कूल में वह बायलॉजी विषय की छात्रा थी, बारहवीं की पढ़ाई पूरी होते ही उसने मेडिकल में प्रवेश लेने के लिए ड्राप ले लिया। एक साल ड्राप लेने के बावजूद जब स्‍वाति प्रवेश परीक्षा में पास नहीं हो सकी तो उसने बी.फार्मा के कोर्स में प्रवेश ले लिया।

स्‍वाति ने एक साल बी.फार्मा की पढ़ाई की और उसे लगा कि फार्मेसी से अच्‍छा भविष्‍य बायोटेक्‍नालॉजी के क्षेत्र में है। ऐसा सोचकर उसने बायोटेक्‍नोलॉजी विषय में बीएससी प्रथम वर्ष में प्रवेश ले लिया। तीन साल के बाद जब बीएससी की पढ़ाई पूरी हो गई।

स्‍वाति को महसूस होने लगा कि बायलॉजी विषय में भविष्‍य ही नहीं है। इसके बाद स्‍वाति ने एक स्‍थानीय कॉलेज में एमबीए के पाठ्यक्रम में प्रवेश ले लिया। दो साल एमबीए करने के बाद आज जब स्‍वाति को उसके मनमाफिक कैम्‍पस प्‍लेसमेंट नहीं मिला, तो वह उदास होकर बैठी है।

आप खुद ही सोचिए कि स्‍वाति के करियर में पैदा हुए इन हालात का जिम्‍मेदार कौन है ? आप सोच रहे होंगे स्‍वाति स्‍वयं। यह स्थिति केवल एक युवक या एक युवति की नहीं, इस तरह के परिस्थिति का सामना कई युवाओं को करना पड़ रहा हैं।

आज करियर बनाने के अनेक विकल्‍प युवाओं के सामने उपलब्‍ध हैं, इतने सारे अवसरों को देखकर कई लोग यह तय ही नहीं कर पाते हैं, कि उन्‍हें किस राह पर चलना हैं? जब रास्‍ता ही पता ना हो, मंजिल तो बहुत दूर की बात है।

इस स्थिती से बचने के लिए जरूरी है कि आप अपने सपनों को पहचाने। उन्‍हें पूरा करने की कोशिश करें और कोई भी कदम उठाने से पहले तर्कसंगत ढंग से सोचे। एक बात का ध्‍यान रखे आपके सपनों की बुनियाद, दूसरों की सफलता पर ना रखी हो। कहने का तात्‍पर्य यह नहीं है कि आप किसी से प्रेरणा ना लें।

कई लोग तो दूसरों के सैलरी पैकेज देखकर ही अपना कार्यक्षेत्र बार-बार बदलते रहते हैं। ऐसे लोग सबसे बड़ी भूल यहीं करते हैं, कि वे अपनी चाहतों को एकतरफ रख कर दूसरों की तरह बनने की कोशिश करते है। इसी वजह से वे हमेशा असमंजस में रहते हैं।

आधुनिकता के इस दौर की सबसे अच्‍छी बात यह हैं, कि आज हर क्षेत्र में करियर बनाने और अच्‍छी कमाई करने के अवसर उपलब्‍ध हैं। कला से लेकर विज्ञान जगत में अवसरों की कोई कमी नहीं है। युवाओं को अपनी मंजिल तय कर उसके रास्‍ते पर चलना होगा, अगर आप दूसरों की देखा-देखी कर हर बार राह बदलेंगे तो कभी किसी मंजिल तक नहीं पहुँच पाएँगे।

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