राऊ'ज स्टडी सर्क ल डॉ. एस. राऊ ने 1953 में देश की सबसे कठिन परीक्षा इंडियन अकेडमी सर्विस एक्जाम जिसे कि अब सिविल सर्विसेज एक्जाम कहा जाता है, के लिए एक बैंचमार्क संस्था स्थापित करने के उद्देश्य से एक स्वतंत्र निकाय के रूप में स्टडी सर्कल की स्थापना की थी। अपनी आधी सदी का सफर तय करते हुए यह साल-दर-साल नए कीर्तिमान स्थापित कर लगातार आगे बढ़ती जा रही है तथा सिविल सर्विस परीक्षाओं की तैयारी के क्षेत्र में सफलता का पर्याय बन चुकी है।
अनुभवी फैकल्टी स्टडी सर्कल की फैकल्टी में अनुभवी शिक्षाविद, सक्षम प्रशासक और समर्पित अनुसंधानकर्ता शामिल हैं। यही कारण है कि यहाँ प्रशिक्षण लेने वाले छात्रों को समर्पित कल्पनाशील तथा विद्वान लोगों द्वारा प्रतिस्पर्धा के लिए पूरी तरह तैयार किया जाता है। यहाँ प्रत्येक छात्र सृजनात्मक रोमांच के साथ अपने ज्ञान के भंडार को फलते-फूलते पाता है। यहाँ छात्रों से बतौर छात्र नहीं, बल्कि एक व्यक्तित्व व्यवहार किया जाता है।
सिविल सेवा परीक्षा तीन चरणों में प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा तथा साक्षात्कार द्वारा संपन्ना होती है। स्टडी सर्कल पर छात्रों को 'प्रथम आएँ, प्रथम पाएँ' आधार पर प्रिलिम्स कम मैन मेंबरशिप के लिए प्रवेश दिया जाता है। जो छात्र स्टडी सर्कल में मेंबर के रूप में नामांकन करवाना चाहते हैं, उन्हें पर्सनल गाइडेंस हेतु रजिस्ट्रेशन/इन्रोलमेंट फॉर्म भरना होता है।
डॉ. एस. राऊ ने 1953 में देश की सबसे कठिन परीक्षा इंडियन अकेडमी सर्विस एक्जाम जिसे कि अब सिविल सर्विसेज एक्जाम कहा जाता है, के लिए एक बैंचमार्क संस्था स्थापित करने के उद्देश्य से एक स्वतंत्र निकाय के रूप में स्टडी सर्कल की स्थापना की थी।