लाइब्रेरी तथा इन्फॉर्मेशन साइंस

Webdunia
- जयंतीलाल भंडारी

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लोकतंत्र के सिद्धांत के व्यापक फैलाव, शिक्षा के विस्तार, अनुसंधान गतिविधियों के तीव्रीकरण तथा रिकॉर्डेड ज्ञान के उत्पादन में त्वरित वृद्धि ने पुस्तकालयों के विस्तार और उनकी सेवाओं के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। शिक्षण संस्थानों की संख्या में वृद्धि से पुस्तकालयों की आवश्यकता तथा महत्व में भी वृद्धि हुई है।

पुस्तकालयों द्वारा प्रदत्त सेवाओं को अब वर्तमान में उसकी सूचना सेवाओं की भूमिका के रूप में परंपरागत प्राचीन पुस्तकालय कार्यों से मिश्रित करते हुए पुस्तकालय और सूचना सेवाएं के नाम से पुकारा जाता है।

कंप्यूटर और सूचना प्रौद्योगिकी ने भी सूचना सेव ाए ँ प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी शुरू कर दी है। इस विषय से दो अन्य शब्द जैसे कि डॉक्यूमेंटेशन तथा सूचना भंडारण और सुधार भी जुड़ गए हैं। अतः पुस्तकालयों के अलावा अब प्रलेखन केंद्र और सूचना केंद्र भी काम कर रहे हैं।

विभिन्न नामों का प्रयोग होने के बावजूद इस विषय क्षेत्र में जरूरतमंदों के लिए सूचना सेवाएँ उपलब्ध होती हैं। इन पुस्तकालयों के प्रबंधन के लिए अच्छी अकादमिक और व्यावसायिक योग्यताएँ रखने वाले व्यक्तियों की आवश्यकता होती है।

परंपरागत लाइब्रेरी की बात करें तो भारी भरकम अलमारियों या रैक में सजी किताबों के बीच बैठे किसी लाइब्रेरियन की तस्वीर मन में उभरती है जिसके पास किताबों का ब्यौरा रजिस्टर में दर्ज होता था और संदर्भ के लिए किताबें ढूँढने में खासी मशक्कत करनी पड़ती थी, लेकिन इंटरनेट के युग में आज वही लाइब्रेरी इन्फॉर्मेशन सेंटर के रूप में विस्तार पा चुकी है यानी आज लाइब्रेरी का स्वरूप पूरी तरह बदल गया है। बदलते जमाने के साथ उसने भी हाईटेक बाना पहन लिया है।

पहले लाइब्रेरी का स्वरूप केवल पुस्तकों के स्टोररूम के रूप में होता था और लाइब्रेरियन का काम भी सीमित होता था लेकिन अब सूचना प्रौद्योगिकी के दौर में लाइब्रेरी का स्वरूप और लाइब्रेरियन का दायित्व और कार्यशैली बिलकुल बदल गई है। उसके लिए कंप्यूटर का ज्ञान अत्यावश्यक हो गया है।

लाइब्रेरियन के पेशे में कई तरह की दक्षताओं और कार्यकुशलता की आवश्यकता होती है। तकनीक की व्यावहारिक समझ रखने के अलावा जरूरी है कि एक लाइब्रेरियन के पास संगठनात्मक पद्धति के अनुसार कार्य करने की क्षमता और उत्कृष्ट कम्युनिकेशन स्किल्स हो। जरूरी है कि वह अपने सहयोगियों के साथ शांतिपूर्ण व बेहतर ढंग से कार्य करते हुए सही सूचन ाए ँ एकत्र कर सके।

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