संभावनाओं का विशाल समुद्र

मरीन इंजीनियरिंग

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अगर आप समुद्र की लहरों पर रहना चाहते हैं और कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र को अपने भविष्य के रूप में देखते हैं तो मरीन इंजीनियरिंग का कोर्स आपके लिए ही है। यह करियर न सिर्फ चुनौतीपूर्ण है बल्कि रोमांचित करने वाला भी है। समुद्र की विशालता और उसकी चंचलता हर किसी का मन मोह लेती है। अगर आप चाहें तो समुद्र की इन्हीं लहरों पर आपका करियर भी निर्धारित हो सकता है।

भारत में शिपिंग उद्योग तीव्रता से विकास कर रहा है जिसकी बदौलत मरीन क्षेत्र से जुड़ने वाले युवाओं के लिए अवसर तेजी से बढ़ रहे हैं। पोर्ट की क्षमता बढ़ने के साथ इससे जुड़ी नौकरियाँ भी मरीन इंजीनियरिंग के लिए अधिक लुभावनी हो रही हैं।

कार्यक्षेत्र:

मरीन इंजीनियरों का कार्यक्षेत्र बहुत ही विस्तृत व जोखिम भरा है। वह अपने व्यापक ज्ञान और क्षमताओं का प्रयोग करते हुए संकट की घड़ी में बेहतर हल निकालता है। वैसे, उनका प्रमुख काम पानी में चलने वाले जहाजों के निर्माण और रखरखाव से संबंधित है। मरीन इंजीनियर जहाज के निर्माण में प्रयुक्त हर सामग्री की देख-रेख करता है। साथ ही, जहाज के रखरखाव पर भी मरीन इंजीनियर ही ध्यान देता है। वह पूरी तरह से इंजन तथा वहाँ काम करने वाले कर्मीदल का इंचार्ज होता है।

व्यक्तिगत गुण:

इंदिरा गाँधी नेशनल स्कूल ऑफ ओपन यूनिवर्सिटी, इग्नू के प्रोफेसर डॉ. सुभाशिष्ट माझी बताते हैं कि एक सफल मरीन इंजीनियर को टीम भावना के अतिरिक्त दबाव में भी काम करना आना चाहिए। साथ ही, वह किसी भी तरह की विपत्ति का सामना साहसपूर्वक कर सके। वह अच्छा नेतृत्व कर सकता हो और पूर्वानुमान लगाने में भी सक्षम हो। बेहतर कम्युनिकेशन स्किल के साथ स्वस्थ होना जरूरी है।

योग्यता:

अगर आप मरीन इंजीनियरिंग के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं तो आपको कम से कम भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित में बारहवीं पास होना अनिवार्य है।अगर 12वीं में जीवविज्ञान भी लिया है तो यह आपकी अतिरिक्त योग्यता होगी। इसके अलावा मरीन इंजीनियरिंग कोर्स में प्रवेश पाने के लिए शारीरिक रूप से स्वस्थ होना भी अनिवार्य है। आपकी ऊँचाई कम से कम 150 सेमी तथा उसी के अनुरूप शारीरिक भार हो। छाती सामान्य से 5 सेमी अधिक फूलनी चाहिए।

प्रशिक्षण:

मरीन इंजीनियरिंग का कोर्स करने वाले छात्रों को बॉयलर, इंटरनल कंबस्यन इंजन, बॉयलर केमिस्ट्री, एडवांस्ड हाइड्रॉलिक्स, पावर प्लांट ऑपरेशस, शिप ऑपरेशन तथा मैनेजमेंट जैसे विषयों के बारे में गहन प्रशिक्षण दिया जाता है। ओशियन थर्मल एनर्जी, मैगनेटो हाइड्रोडाइनेमिक्स और न्यूक्लियर प्रोपल्शन पार्ट्स जैसे नए उभरते क्षेत्रों को भी हाल ही में पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। इसके अलावा डबल हल टैंकर्स, एंडवास मैटीरियल सांइस, सरफेस इंजीनियरिंग, रिन्युएबल एनर्जी और रिसोर्स एप्लीकेशन भी पढ़ाए जाते हैं। इनके अंतर्गत परिसर और जहाजों में गहन प्रोफेशनल ट्रेनिंग दी जाती है।

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