जानें महत्व डबल डिग्री कोर्स का

Webdunia
- स्वर्ण शेखर सिन्हा

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बढ़ती बेरोजगारी के कारण युवाओं में भविष्य को लेकर एक अजीब तरह की असुरक्षा की स्थिति उत्पन्न होती जा रही है। युवाओं के साथ-साथ उनके अभिभावक भी तेजी से इस बात को स्वीकारने लगे हैं कि सिर्फ ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन करने मात्र से सुरीक्षित भविष्य की कामना नहीं की जा सकती है। कई प्रोफेशनल (समान ग्रेजुएशन) कोर्सेस के महत्व से भी अब छात्र अंजान नहीं रह पाए हैं।

इस असमंजस की स्थिति में कई बार छात्रों को नुकसान हो सकता है। इसका उदाहरण हम बढ़ती बेरोजगारी से लगा सकते हैं। जैसे कई छात्र ग्रेजुएशन की डिग्री को छोड़कर कम्प्यूटर ह ार्डवेयर/सॉफ्टवेयर/एनीमेशन या इसी प्रकार का कोर्स करने लगते हैं। इस प्रोफेशनल कोर्स के जरिए छात्रों को हुनर तो मिल जाता है, पर ग्रेजुएट होने का सर्टिफिकेट नहीं।

इसका नतीजा यह होता है कि ऐसे छात्र कई प्रतियोगी परीक्षा या नौकरियों के लिए आवेदन भरने से भी वंचित रह जाते हैं। हाल के वर्षों में पनपे इस प्रकार के विरोधाभासों को शिक्षा विशेषज्ञों तथा नीति-निर्माताओं ने महसूस किया है तथा इसी का नतीजा है, दोहरी डिग्री शिक्षा व्यवस्था की शुरुआत। दूसरे शब्दों इसे डबल डिग्री सिस्टम भी कहते हैं। इसके तहत एक समयावधि में छात्र एक ही विश्वविद्यालय से दो कोर्स की डिग्री महज एक वर्ष या अधिक समय व्यतीत कर प्राप्त कर सकते हैं। इस दोनों कोर्स में से एक परम्परागत कोर्स पर आधारित तथा दूसरी प्रोफेशनल या वोकेशनल कोर्स से जुड़ी डिग्री होती है।

किनके लिए है यह डबल डिग्री कोर्स - ऐसे युवा जो मेहनती होने के साथ-साथ महत्वाकांक्षी हैं। इस प्रकार के कोर्सेस से युवाओं पर दोहरा बोझ पड़ता है, इसलिए मेरे विचार से अपनी क्षमताओं और शैक्षिक पृष्ठभूमि को पहले तौल लें, इसके बाद ही इस प्रकार का डबल डिग्री का निर्णय लें तो बेहतर होगा। जल्दबाजी में बहुतेरे छात्र इस प्रकार का निर्णय तो ले लेते हैं, परन्तु इससे उन्हें उपयुक्त लाभ नहीं मिल पाता है, क्योंकि सिर्फ पास होने भर से बेहतरीन करियर नहीं बनाया जाता है। दिन-रात की अथक मेहनत ही आपको सफलता दिला सकती है।

भारत में हो चुकी है पहल/शुरुआत :- दिल्ली विश्वविद्यालय में भी डबल डिग्री कोर्स की शुरुआत करने की कोशिशें निरंतर हो रही हैं। हालाँकि देश के कई विश्वविद्यालयों में इसकी शुरुआत हो चुकी है।

मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आँकड़ों पर एक निगाह डाली जाए तो पिछले साल प्रोफेशनल एवं वोकेशनल कोर्स में दाखिला लेने वाले 458884 छात्रों में से 38216 छात्र ऐसे हैं, जिन्होंने ड्‍यूल डिग्री कोर्स में दाखिला लिया है।

कुछ विश्वविद्यालय जो ड्‍यूल डिग्री कोर्स चला रहे हैं : - बिट्‍स (पिलानी), आईआईटी (कानपुर व दिल्ली), आईपी यूनिवर्सिटी (दिल्ली), अन्नामलाई यूनिवर्सिटी (तमिलनाडु), जेपी इंस्ट्‍टीयूट ऑफ टेक्नोलॉटी (नोएडा), ज्योति विद्यापीठ यूनिवर्सिटी (जयपुर) आईआईटी (रुड़की)

कुछ उपलब्ध ड्‍यूल डिग्री कोर्स :-
इंजिन इंजीनियरिंग - BE + एम‍बीए MBA
- BTEC + एमटेक
- कम्प्यूटर साइंस + एमटेक

ह्यूमेनिटीज - बीए (सोथियोलॉजी) + बीएससी (कम्प्यूटर साइंस)
बीकॉम + बीएससी (आईटी)

लॉ - बीबीए + एलएलबी (ऑनर्स)
- बीकॉम + एलएलबी (ऑनर्स)

मैनेजमेंट - एमबीए + सीएए
- बी टेक + एमबीए
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