पप्पू अक्सर पास क्यों नहीं होते?

क्यों जरूरी है करियर मार्गदर्शन एवं परीक्षण

Webdunia
- संजीव त्रिपाठी

WDWD
यह हम सभी मानते हैं कि सफलता के लिए कड़ी मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति की जरूरत होती है और यह अक्सर कई सारे इंस्टीट्यूट और करियर विज्ञापनों में सार्वभौमिक सत्य और सफलता के मंत्र के रूप में उपयोग किया जाता है। आधुनिक विकसित देश की कल्पना में बहुत सारे करियर विकल्प अपने ग्लैमर और चमक- दमक के साथ उभरकर सामने आए हैं।

निश्चित ही यह हमारे विकास और उन्नाति के लिए जरूरी है, पर इनके करियर चयन में व्यक्तिगत भिन्नाता को भी ध्यान में रखना चाहिए। बड़े-बड़े होर्डिंग्स, विज्ञापन और करियर-गुरु नई-नई संभावनाओं के काल्पनिक सागर में आज की युवा पीढ़ी को सपनों के ऐसे जगत में ले जाते हैं, जहाँ उनकी सारी महत्वाकांक्षाएँ और सपने पूरे होते दिखते हैं। पर किसी भी करियर विकल्प के चुनाव में कई महत्वपूर्ण पक्ष होते हैं, जो कि सही चुनाव कर व्यर्थ ऊर्जा और समय को नष्ट होने से बचा सकते हैं और जो व्यक्ति की सफलता और असफलता को प्रभावित करते हैं।

क्या वजह है कि दो समान योग्यता और क्षमता रखने वाले व्यक्तियों में एक अधिक सफलता पाता है और दूसरा बहुत कम। क्या वजह है कि दो व्यक्ति एक ही विषय में समान रुचि रखते हैं, पर एक कम अंक पाता है और दूसरा अधिक।

आशीष एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। उसकी उम्र 26 वर्ष है, पर अब वह अपना जॉब छोड़कर घर आ गया है और वापस नहीं जाना चाहता। उसके माता-पिता उसे परामर्शदाता के पास ले जाते हैं। परामर्श के दौरान पता चलता है कि वह डॉक्टर बनना चाहता था, किंतु उसके पिता जो कि खुद इंजीनियर थे, उसे एक सफल इंजीनियर बनाना चाहते थे। वह अपने पिता का विरोध नहीं कर सका। अब वह डिप्रेशन में है और अपने भविष्य को लेकर चिंतित है, क्योंकि उसके पास जॉब सेटिसफैक्शन नहीं है।

नवीन 12वीं कक्षा का छात्र है। वह 12वीं कक्षा में दूसरी बार भी फेल हो गया। जब उसे काउंसलर के पास लाया गया, तब पता चला कि उसे गणित विषय पसंद था और बाकी मित्र भी गणित विषय ले रहे थे। इसलिए उसने भी 11वीं कक्षा में गणित विषय चुना। ११वीं तो उसने जैसे-तैसे पास कर लिया, पर वह १२वीं कक्षा में पिछले दो सालों से फेल हो रहा था, अब वह विषय बदलना चाहता है।

उपरोक्त उदाहरणों से समझ में आता है कि किसी विषय में रुचि ही काफी नहीं है। उसमें पर्याप्त अभिक्षमता भी होनी चाहिए और कई बार क्षमता तो होती है, पर वहाँ रुचि का अभाव होता है। इसीलिए करियर चयन में यह आवश्यक है कि मनोवैज्ञानिक परामर्शदाताओं द्वारा पर्याप्त रुचि, अभिक्षमता एवं व्यक्तित्व का मूल्यांकन एवं परीक्षण कर करियर का चुनाव किया जाए और इस तरह से हम यह कह सकते हैं कि सिर्फ विकल्पों की जानकारी ही करियर काउंसलिंग नहीं है, अपितु विकल्पों को चुनने से पूर्व उसका संपूर्ण मनोवैज्ञानिक व्यक्तिगत मापन होना चाहिए।

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोचिंग नहीं जा सकेंगे 16 साल से कम के बच्चे, मध्‍य प्रदेश में जारी हुए आदेश

CBSE Board Result 2024 : जानिए कब आएगा सीबीएसई बोर्ड 10वीं, 12वीं का रिजल्ट

वीएफएक्स में बनाएं क्रिएटिव करियर

यूजीसी प्रमुख बोले, सीयूईटी, स्नातक व नेट के लिए अंकों का सामान्यीकरण खत्म होगा

UP Board का परीक्षा परिणाम आज होगा घोषित, कैसे चेक करें रिजल्ट?