सही एटीट्यूड से सफलता संभव

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जीवन में सफलता के लिए सही एटीट्यूड इसलिए जरूरी है, क्योंकि इसके बिना आप चाहे कितने ही टेलेंटेड क्यों न हों, करियर में कामयाबी का वह शिखर नहीं छू सकते जिस शिखर तक आप सही नजरिया अपनाने के बाद पहुँच सकते हैं।

अब सवाल यह है कि सही एटीट्यूड किस तरह से अपनाया जाए? अव्वल तो अपनी किस्मत खुद बनाएँ। अगर आप अपने करियर के दौरान यही सोचते रहेंगे कि कुछ अच्छा और दिलचस्प हो, तो आप इंतजार ही करते रह जाएँगे। इसलिए बेहतर है कि आगे बढ़ें और जिन चीजों के इंतजार में हैं उन्हें खुद कर डालें। अपने करियर के बारे में सकारात्मक नजरिया रखने से आप अपनी किस्मत को खुद दिशा देंगे।

नेपोलियन बोनापार्ट के शब्दकोष में असंभव नामक शब्द नहीं था। आप अपने करियर के संदर्भ में भी यह मान लें कि मुश्किल नहीं है कुछ भी अगर ठान लीजिए। ध्यान रह कि अगर आप यह सोचेंगे कि आप नहीं कर सकते तो आप सचमुच ही नहीं कर पाएँगे। इसलिए हमेशा अपने आप से यह कहते रहें कि मैं कर सकता हूँ। कोई काम छोटा नहीं होता है। हर काम की अपनी अहमियत और मूल्य होता है। न जाने कब कौन-सा काम किसी की नजर में चढ़ जाए और आपकी पहचान बन जाए, इसलिए जो काम कर रहे हैं उसे दिलचस्पी और गर्व के साथ करें। अगर आप आलस्य और लापरवाही दिखाएँगे तो आपके बारे में लोगों का यही नजरिया बन जाएगा।

किसी काम को छोटा न समझें। ध्यान रखें कार्यस्थल पर हर व्यक्ति महत्वपूर्ण होता है। यह सही है कि अपने कार्य में व्यक्ति को आक्रामक नहीं होना चाहिए, लेकिन यह भी जरूरी है कि अपने इर्द-गिर्द के लोगों के साथ व्यवहार में हमेशा स्पष्ट होना चाहिए। अच्छा बर्ताव और सबको बराबर का सम्मान ये ऐसे गुण हैं, जो किसी भी इंसान को कामयाबी के शिखर पर पहुँचने के लिए सीढ़ियों का काम करते हैं। आप घंटों काम करने के बाद यह सोचते हैं कि जिस काम की जिम्मेदारी आपको दी गई है वह आपके लायक नहीं है तो यह स्थिति आपकी परफॉरमेंस पर नकारात्मक रूप से असर डालेंगी।

भले ही आपका जॉब परफेक्ट न हो तो भी आप अपने काम से संतुष्ट रहें। कामयाब लोगनापसंदीदा काम को भी इस तरह करते हैं जैसे अपने सपनों का जॉब कर रहे हों, जबकि आपकी किस्मत आपके हाथ में है तो यह आपकी अपनी जिम्मेदारी है कि आप प्रोफेशनल बनें और इस प्रोफेशनलिज्म को बेहतर बनाएँ। नाकामी का सामना हर व्यक्ति को कभी न कभी करना ही पड़ता है।

बहरहाल, कामयाब और नाकाम लोगों में फर्क यह है कि वे नाकामी का सामना किस तरह से करते हैं। कामयाब लोग अपनी गलतियों से सबक लेते हैं और आप आगे बढ़ जाते हैं। अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनने में कोई बुराई नहीं है। आगे ब़ढ़ें और अपनी उपलब्धियों को स्वयं ही बयान करें और बताएँ कि आपने कंपनी के लिए क्या किया है? कामयाब लोग बिना बड़बोला हुए जानते हैं कि अपनी उपलब्धियों का विज्ञापन किस तरह किया जाए। कभी-कभी ऐसी स्थिति भी आएगी जब आप यथास्थिति को लेकर प्रसन्न रहेंगे।

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