अर्जुन रामपाल : शनि-मंगल सफलता में बाधक

सफलता हेतु करना होगा संघर्ष

पं. अशोक पँवार 'मयंक'
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अभिनेता अर्जुन रामपाल का जन्म 26 नवंबर 1972 को वृश्चिक लग्न कर्क राशि में हुआ। वृश्चिक लग्न होने से आप उत्तम कदकाठी के है। पत्रिका के अनुसार लग्न व षष्ट भाव का स्वामी मंगल द्वादश भाव में शुक्र की राशि तुला में होकर कला के कारक शुक्र के साथ है। जो कला के क्षेत्र में प्रयत्नपूर्वक लाभ देता है, लेकिन मनमाफिक सफलता देने में बाधक भी रहता है।

एक तो लग्न का स्वामी द्वादश में है, वहीं कला का कारक शुक्र भी द्वादश भाव में है। पंचम मनोरंजन भाव का स्वामी गुरु स्वराशि का होकर द्वितीय भाव वाणी, धन की बचत, कुटुंब भाव में राहु से पीडि़त है।

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किसी भी कलाकार को उत्तम सफलता हेतु पंचम भाव का स्वस्थ होना आवश्यक होता है, सो आपके जन्म के समय पंचम भाव स्वस्थ न होकर पीडि़त है। पराक्रम तृतीय व चतुर्थ भाव भी वक्री होकर सप्तम भाव में मित्र राशि वृषभ का है, जो एक घर पीछे का फल देगा। इस प्रकार से देख जाए तो शनि भी मंगल से सप्तम दृष्टि से व लग्न के हिसाब से अष्टम दृष्टि से प्रभावीत है।

हां! दशम भाव का स्वामी जो व्यापार को दर्शाता है, वह मित्र मंगल की राशि में होकर लग्नस्थ होने से आपको फिल्मों में अवसर मिलते रहेंगे।

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इधर एकादश व अष्टम भाव का स्वामी भी वक्री है जो बराबर आय के क्षेत्र में भी अन्य के मुकाबले नहीं है। भाग्य का स्वामी चंद्र अवश्य ही भाग्य नवमं भाव में स्वराशि कर्क का है, लेकिन इसके पीछे केतु है व आगे कोई भी शुभ ग्रह नहीं है।

अक्सर देखने में आया है कि चंद्र के आगे व पीछे शुभ ग्रह हो तो उस जातक को शुभ ग्रहों का सपोर्ट मिल जाता है।

अभी वर्तमान में उच्च का शनि द्वादश भाव से गोचर भ्रमण कर रहा है व गुरु मेष राशि में होकर षष्ट भाव है, सो विशेष सफलता वाले योग नहीं है। संघर्ष अभी बरकरार रहेगा।

आपको अच्छी व उच्च सफलता हेतु प्रत्येक शनिवार को कच्ची जमीन पर सरसों का तेल एक चम्मच डालना होगा। साथ ही सव्वा पांच कैरेट का पुखराज तर्जनी में धारण करने पर आप कुछ राहत पाएंगे।

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