एक दशक तक बने रहेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी !

नरेंद्र मोदी के लिए सुनहरे रहेंगे अगले दस वर्ष

पं. अशोक पँवार 'मयंक'
देश के इतिहास में पहली बार ऐतिहासिक जीत लेकर पहुंची भाजपा, जिसका श्रेय नरेंद्र दामोदरदास मोदी को जाता है। मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को वृश्चिक लग्न कर्क नवांश व वृश्चिक राशि में हुआ।

मोदी के जन्म के समय लग्न का स्वामी मंगल लग्न में ही था। यदि स्वराशि का मंगल केंद्र में हो तो पंचमहापुरुष योग में से एक रूचक योग बनता है। रूचक योग के बारे में कहा जाता है कि यह योग जिस जातक की पत्रिका में होता है, वह जातक साहसी, पराक्रमी, दृढ़ निश्चय वाला, प्रबल रूप से शत्रुहंता होता है।

मोदी की राशि वृश्चिक होने से चंद्र नीच का होता है। यदि चंद्र को मंगल देखता हो या साथ हो या मंगल केंद्र में हो तो चंद्र का नीच भंग हो जाता है। नीच भंग होना एक प्रकार का उत्तम नीच भंग राजयोग होता है। नीच भंग वाला जातक उत्तम राजनेता व उच्च पद पर पहुंचने वाला सफल प्रशासक होता है।

जब मंगल के साथ होता है चंद्र तो.... पढ़ें अगले पेज पर...


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वृश्चिक लग्न स्थिर है व जलतत्व की राशि है, वहीं मंगल के साथ चंद्र है अतः आप कठोर होते हुए भी नारियल के समान होंगे।

ऐसे जातक ऊपर से तो कठोर लेकिन अंदर से मक्खन दिल होते हैं। ऐसे जातकों में प्रशासनिक क्षमता अधिक होती है व मेहनत से पीछे नहीं हटते। मोदी की पत्रिका में भाग्य का स्वामी चंद्र नीच का है। चंद्र का नीच भंग ही आपको सफलतम बनाने में कामयाब रहा।

इधर दशम भाव का स्वामी एकादश लाभ भाव में होकर उच्च के बुध व केतु के साथ होने से आपको राज्य का लाभ मिलता गया। 2001 में मोदी ने गुजरात का सीएम बनकर ज‍िस कदर सफलता पाई, वह सब जानते ही हैं। अब आपने 2014 में लोकसभा में भाजपा को अभूतपूर्व सफलता दिलाकर अपने नेतृत्व की क्षमता को साबित भी कर दिया।

इसलिए बनी रहेगी 10 साल तक सत्ता... पढ़ें अगले पेज पर...


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मोदी के ग्रह योग बताते हैं कि एक बार सत्ता प्राप्त करने के बाद जल्दी आपसे सत्ता नहीं जाती। अब जब मोदी देश के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं व एक बार कुर्सी पर बैठे, तो 10 साल तक उसी पर बने रहेंगे।

अभी वैसे भी भाग्य की महादशा चल रही है, जो अनुकूल ही है। इसके बाद लग्नेश मंगल की महादशा लगेगी, जो नवंबर 2021 तक चलेगी। यह समय नरेंद्र मोदी लिए सुनहरा ही कहा जाएगा ।

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