नरेंद्र मोदी : इंतजार करें पीएम बनने के लिए

भारती पंडित
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गुजरात के मुख्यमंत्री बनकर विकास के आयाम स्थापित करने वाले नरेंद्र मोदी 17 सितंबर 1950 को मेहसाना में जन्मे हैं। सूर्य कुंडली के अनुसार सिंह लग्न व ‍वृश्चिक राशि में जन्मे नरेंद्र की कुंडली में लग्न में शुक्र-शनि विद्यमान है जो सप्तम गुरु की पूर्ण दृष्टि में है। सिंह लग्न व्यक्ति को धीरता-गंभीरता, सह्रदयता, बदलाव की मानसिकता व साहस देता है।

गुरु का प्रभाव इसमें ईमानदारी, सच्चाई व आ‍‍दर्शवादिता का पुट भी डाल देता है। चतुर्थ का स्वगृही मंगल चंद्र के साथ है और दशम को पुष्‍ट कर रहा है, मोदी की ऊर्जा व साहस का यही राज है। मगर मंगल अपनी माटी से जुड़ने का भी प्रतीक है अर्थात् उन्हें जन्मभूमि में रहकर ही कार्य करना चाहिए।

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वाणी में सूर्य बुध केतु के साथ हैं, जो वक्तव्य को तीखा व कभ‍ी-कभी कटु बना देते हैं।

चुनावी आकलन के अनुसार देखें तो मोदी अभी 2010 तक शुक्र की महादशा से गुजर रहे हैं। इसमें केतु का अंतर चल रहा है। शुक्र तो अपना फल दे चुका है, अब यदि मोदी प्रधानमंत्री पद की दावेदारी दिखाने हैं तो केतु इसे कठिन बना देगा।

गोचर में हालाँकि ग्रह कुंडली में स्वगृही हो जाएँगे मगर आपसी तालमेल के अभाव में मोदी को विरोध का सामना करना पड़ेगा। 2010 के बाद सूर्य महादशा उनके लिए विशेष रहेगी। तब तक इंतजार ही अच्छा रहेगा। हाँ, बड़ों का व जनता का स्नेह मिलता रहेगा।
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