मनमोहन सिंह: पुन: पद पाना मुश्किल

पं. सुरेन्द्र बिल्लौरे
ND

भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जन्म पाकिस्तान में 26 सितंबर 1932 में हुआ। जिस समय सिंह का जन्म हुआ पुष्य नक्षत्र अपने अंतिम चरण में था। मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली उस समय राहु की महादशा में राहु की अंतरदशा चल रही थी।

वर्तमान में मनमोहन सिंह साढ़े साती के दौर से गुजर रहे हैं। इससे सीधे हृदय पर परेशानी होती है। इसके चलते सर्जरी से गुजरना पड़ा। मित्रों एवं विपक्ष के साथ पक्ष का भी विरोध‍ वाद-विवाद की स्थिति साढ़े साती के कारण हो रही है। गणेश जी की आराधना करें एवं शनि शांति कराएँ (जन्म के समय कुंडली में सूर्य जिस स्थान में है। उसके प्रभाव से सफलता (उच्च पद की) के मार्ग में बाधाएँ आ सकती हैं। धन सतकार्य में लगाएँ। अपने वालों के कलह के कारण मन दुखी रहता है।

चंद्रमा के कारण पराक्रम के द्वारा ही धन की प्राप्ति होती है। कुंडली में चंद्रमा की स्थिति के कारण ही मनमोहन सिंह को नेत्र पीड़ा रहती है एवं शत्रु बने रहते हैं। विपक्षी से दुखी रहते हैं। कर्क राशि (जो चंद्रमा की राशि है) में भौम स्थित रहने से आर्थिक स्थिति ठीक रहती है।

ND
पुष्य नक्षत्र में जन्म एवं कन्या राशि में बुध (कुंडली में) विराजमान रहने से चतुर एवं बुद्धिमानी के गुण मनमोहन सिंह में हैं। यही वजह रही कि सिंह ने अपनी बुद्धिमानी से कई उच्च पद की गरिमा को बनाए रखा। केंद्र में गुरु विराजमान है। एवं सिंह राशि पर विराजमान कुंडली में रहने से शासक का पदभार संभाला जो गुरु का प्रभाव है। राहु की महादशा में गुरु की अंतरदशा 22/3/2005 से 22/8/2006 तक रही। शासनकाल ठीक रहा। इसके बाद विपक्ष का ज्यादा विरोध होने लगा।

गुरु कुंडली में लग्न में होने से अपने गुणों के कारण सर्वदा आदर पाते हैं। यात्रा इनके लिए लाभप्रद होती है।

कुंडली में मकर का शनि स्थित है। जो कि जातक को ग्रामपति अर्थात शासक बनाता है। जिसका प्रभाव मनमोहन सिंह पर हुआ और प्रधानमंत्री के पद तक पहुँचे। वर्तमान में राहु की महादशा 16/7/2002 से 16/6/2020 तक रहेगी। राहु की महादशा में शनि की अंतरदशा चल रही है जो 22/8/2006 से 28/6/2010 तक रहेगी। राहु की महादशा में शनि की अंतरदशा के अंतर्गत चंद्र की प्रत्यंतर दशा 12/4/09 से 6/6/2009 तक चलेगी। अत: प्रधानमंत्री पद पर पुन: आने के योग में विघ्न आएगा।

अत: मनमोहन सिंह को राहु के साथ चंद्र शांति अवश्य कराना चाहिए। 2/6/12 तिथि में यात्रा कम करना चाहिए। बुधवार व अनुराधा नक्षत्र के समय कम यात्रा करें या नहीं करें तो ज्यादा फायदा मिलेगा। जिस दिन सिंह का राशि चंद्रमा हो, उस दिन अपने पार्टी के बड़े अधिकारी के साथ मीटिंग न रखें।

विशेष : माणक, पुखराज एवं मूँगा का संयुक्त लॉकेट पहनें सफलता मिल सकती है।
Show comments

Oldest religion in the world: दुनिया का सबसे पुराना धर्म कौनसा है?

Shukra Gochar : शुक्र करेंगे अपनी ही राशि में प्रवेश, 5 राशियों के लोग होने वाले हैं मालामाल

Mahabharat : महाभारत में जिन योद्धाओं ने नहीं लड़ा था कुरुक्षेत्र का युद्ध, वे अब लड़ेंगे चौथा महायुद्ध

Daan punya: यदि आप भी इस तरह से दान करते हैं तो कंगाल हो जाएंगे

Lakshmi prapti ke upay: माता लक्ष्मी को करना है प्रसन्न तो घर को इस तरह सजाकर रखें

19 मई 2024, रविवार के शुभ मुहूर्त

Vaishakha Purnima 2024: वैशाख पूर्णिमा के दिन करें ये 5 अचूक उपाय, धन की होगी वर्षा

Shani sade sati: कब और किस समय शुरू होगी इन 3 राशियों पर शनि की साढ़े साती?

Lakshmi prapti ke upay: माता लक्ष्मी को करना है प्रसन्न तो घर को इस तरह सजाकर रखें

Shukra Gochar : शुक्र करेंगे अपनी ही राशि में प्रवेश, 5 राशियों के लोग होने वाले हैं मालामाल