कुंडली में बुध की स्थिति द्वितीय भाव में है और स्व-राशि पर विराजमान होने से बुध ने भी महेश-भट्ट को पराक्रमी एवं सारे विषयों का सुख दिया।
गुरु की स्थिति भी सर्वसुख प्रदान करती है। गुरु, मंगल की राशि पर विराजमान होने से क्षमाशील स्वभाव का बनाती है। शुक्र सुख तो देता है परंतु अपने वाले से बैर करा सकता है अत: शुक्र की शांति कराना चाहिए।
शनि महेश-भट्ट को सम्पत्तिवान बनाता है परंतु शारीरिक कष्ट दे सकता है। विशेष कर नेत्र की तकलीफ दे सकता है। राहु नवम भाव में विराजमान होने से सद्गुणी एवं कृतज्ञ बनाता है। केतु भी धन, ऐश्वर्य एवं तेज की वृद्धि करता है।
महेश-भट्ट का जन्म बुध की महादशा में हुआ जिसका भोग्यकाल 10 वर्ष 8 माह 6 दिन रहा। 26.05.2009 से राहु की महादशा प्रारम्भ हुई है जो 18 वर्ष तक चलेगी अर्थात् 26.05.2027 को समाप्त होगी।
वर्तमान में राहु की महादशा में गुरु की अन्तर्दशा चल रही है जो 02.07.2014 को समाप्त होगी।
महेश-भट्ट का अक्टूबर माह ठीक-ठीक रहेगा। नवंबर-दिसंबर में स्वास्थ्य की तकलीफ आ सकती है। जनवरी 2014 अच्छा रहेगा। फरवरी मध्यम बीतेगा। मार्च-अप्रैल कुछ नया मोड़ लाएगा। मई-जून में मानसिक-शारीरिक परेशानी रहेगी। जुलाई अच्छा रहेगा। अगस्त-सितंबर ठीक रहेगा। महेश भट्ट को माणिक एवं पुखराज पहनना चाहिए ।