मिथुन चक्रवर्ती : गुरु ने बनाया दूसरी पारी में सफल

मिथुन चक्रवर्ती : जन्मदिन मुबारक

पं. अशोक पँवार 'मयंक'
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प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती का असली नाम गौरांग चक्रवर्ती है। मिथुन का जन्म 16 जून 1950 को मिथुन-चन्द्र लग्न में कोलकाता में हुआ।

मिथुन ने फिल्म 'मृगया' (1976) से अभिनय की शुरुआत की। फिल्मी दुनिया ने मिथुन को एक प्रसिद्ध कलाकार बनाया।

मिथुन की पत्रिका के अनुसार लग्न भाव में सूर्य के साथ चन्द्रमा होने से अमावस्या योग बनता है। यही वजह है कि आप फिल्म से पूर्व नक्सली थे। लेकिन शुक्ल पक्ष की प्रतिप्रदा का जन्म होने से आप नक्सली नहीं रहे।

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कला का कारक शुक्र पंचम भाव (मनोरंजन) का स्वामी होकर सप्तम दृष्टि से पंचम भाव को देख रहा है, इसी से मनोरंजन की दुनिया में मिथुन छा गए।

पंचम भाव पर आय भाव का स्वामी चतुर्थ भाव से होकर एकादश को देख रहा है वहीं शुक्र भी स्थित है। इसी वजह से आय का साधन कला का क्षेत्र रहा।

भाग्य का स्वामी शनि भाग्य को ही देख रहा है। भाग्य स्थान से गुरु की शनि पर दृष्टि व पराक्रम पर मित्र दृष्टि पड़ने से मिथुन भाग्यशाली हुए। इसीलिए फिल्म व टेलीविजन की अपनी दूसरी पारी में भी वह सफल है।

वर्तमान में गुरु का गोचरीय भ्रमण लग्न से हो रहा है जिसकी स्वदृष्टि यानी सप्तम दृष्टि सप्तम भाव पर पड़ने से व कला के कारक शुक्र पर पंचम दृष्टि पड़ने से मिथुन के लिए यह वर्ष लाभदायक रहेगा।

राशि स्वामी बुध शुक्र की राशि वृषभ में है इसीलिए मिथुन में कला के गुण हैं। मिथुन को सवा दस कैरेट का पन्ना चांदी में बनवा कर गले में धारण करना चाहिए। हीरे की अंगूठी अगूंठे में पहनना लाभदायक रहेगा।

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