मोदी : अभी दूर है प्रधानमंत्री पद

इस चुनाव में संभव नहीं पीएम की कुर्सी

पं. अशोक पँवार 'मयंक'
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भाजपा के कद्दावर नेताओं में अटलजी हैं, लेकिन उन्होंने अब प्रधानमंत्री पद के लिए लालकृष्ण आडवाणी को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है। वहीं आडवाणी ने नरेन्द्र मोदी को अपना उत्तराधिकारी बनाया है। तभी से अन्य नेताओं की बोलती बंद हो गई है।

वास्तव में देखा जाए तो नरेन्द्र मोदी जिस प्रकार गुजरात भेजे गए थे, उन्होंने ठीक उसी प्रकार कार्य करते हुए अपना वर्चस्व साबित किया और तीन बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने।

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यहाँ तक कि मोदी की सोनिया गाँधी और प्रधान‍मंत्री डॉ. मनमोहनसिंह भी तारीफ कर चुके हैं। भाजपा में मोदी का कद बहुत बड़ा है और वे संघ के पसंदीदा नेता हैं। निकट भविष्य में चार राज्यों दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ में चुनाव होने वाले हैं। इनमें मो‍दी निश्चित ही शिरकत करेंगे और काफी कुछ हवा को प्रभावित कर भाजपा को जीत की ओर ले जाएँगे।

आखिर मोदी के सितारे क्या कहते हैं, आइए जानें- मोदी का जन्म चंद्र वृश्चिक लग्न में हुआ, जो भाग्येश होकर लग्न में नीच राशि वृश्चिक में है वहीं चंद्र का नीच भंग मंगल के लग्न में होने से है। अत: चंद्र उत्तम फल देने वाला साबित हुआ। हाल ही में पश्चिम बंगाल से नैनो रुखसत हुई और मोदी ने झपटकर गुजरात में स्थापित करने का प्रस्ताव ही नहीं बल्कि पूर्णरूपेण सहयोग देने का वादा भी टाटा से किया। वे जिस प्रकार अपने राज्य के प्रति सजग हैं। ग्रह भी उनके पक्ष में हैं।

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लग्नेश मंगल का लग्न में भाग्येश चंद्र का मिलन व पंच महापुरुष राजयोग में से एक रूपक योग बनाने से मोदी की स्थिति अन्य नेताओं से दमदार रही और नेतृत्व क्षमता भी बढ़ी-चढ़ी है। मंगल ऊर्जा, साहस और महत्वाकांक्षा का कारक है जो आपमें भरपूर है। मंगल संगठनात्मक शक्ति देता है वह भी आपमें भरपूर है। मोदी कुशल प्रशासक, सेनापति, गृहमंत्री हो सकते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री पद उनके लिए बहुत दूर है। इसके लिए दशम भाव का भी शुभ होना चाहिए।

मोदी की पत्रिका में दशम भाव में सिंह का शनि है जो उत्तरा भाद्रपद अपने ही नक्षत्र में है व जिस राशि पर है उसका स्वामी कन्या राशि में उच्च के बुध के साथ है। अत: प्रधान‍मंत्री पद आपके लिए अभी तो संभव नहीं है।

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हाँ यदि आडवाणी प्रधान‍मंत्री बनते हैं तो आप गृहमंत्री बन सकते हैं। वैसे आप गृहमंत्री न बनकर गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में ही अत्यधिक सफलता अर्जित करेंगे। किसी कारणवश केंद्र में आना पड़ा तो आप गृहमंत्री बन सकते हैं।

शनि दशम में सप्तम दृष्टि से चतुर्थ भाव को देख रहा है। चतुर्थ भाव जन्मभूमि को माना गया है और आपका जन्म गुजरात का है। जन्म नक्षत्र का स्वामी अनुराधा भी शनि का नक्षत्र है वहीं शनि उत्तरा भाद्रपद में है अत: जन्मभूमि यानी गुजरात की ही शोभा बढ़ाते रहेंगे। लेकिन इस चुनाव में प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं कहे जा सकते। अगले किसी चुनाव में वे प्रधानमंत्री के रूप में उभर सकते हैं मगर आडवाणी के बाद ही उनके योग बन सकेंगे।
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