राजू श्रीवास्तव पर शुक्र की कृपा

सितारों के सितारे

पं. अशोक पँवार 'मयंक'
NDND
प्रसिद्ध हास्य कलाकार एवं शक्तिमान के गजोधर से प्रसिद्धि प्राप्त राजू श्रीवास्तव का जन्म मकर चन्द्र लग्न में हुआ। किसी भी हास्य अभिनेता के लिए लग्न या लग्नेश से चन्द्र का संबंध होना चाहिए एवं शुक्र की पंचम भाव पर दृष्टि या पंचम भाव में स्थित शुक्र का होना भी अच्छी सफलता के लिए आवश्यक होता है। पंचमेश का शुक्र से संबंध भी ठीक रहता है। लग्न का स्वामी यदि प्रभावशील हो तो उत्तम सफलता अवश्य मिलती है। आपकी पत्रिका मकर लग्न की होने से आपका कद मध्यम है, वहीं सूर्य शत्रु राशि में व चन्द्र के साथ अमावस्या योग होने के कारण आप में सुन्दरता की कमी रही।

शुक्र का पंचम भाव को एकादश भाव से देखने के कारण व पंचम भाव व दशम भाव का स्वामी पंचम को देखने से आप हास्य व मनोरंजन की दुनिया से जुड़े। वैसे आप फिल्मी दुनिया में काफी पुराने हैं, लेकिन आपको पहचान स्टार के लाफ्टर शो से मिली। आप मुकेश खन्ना द्वारा निर्मित शक्तिमान में गजोधर की भूमिका में होने से आज भी आपको गजोधर के नाम से जाने जाते हैं।

चूँकि आपकी राशि स्वामी उच्च का होकर दशम व्यापार भाव में है। जनता के बीच चतुर्थ भाव व एकादश भाव का स्वामी मंगल अपने मित्र गुरु की राशि मीन में होकर तृतीय भाव में विराजमान, तृतीय भाव पराक्रम का है वही तृतीया व नवम भाव का दो त्रिक भाव का स्वामी सप्तम में वक्री होकर उच्च का होने से देर से सफलता का कारण बना।

आपकी पत्रिका में भाग्येश व षष्ट भाव का स्वमी बुध मकर में मित्र क्षेत्री होकर विराजमान है। और यही कारण भाग्यशाली रहने का बना। वुश्चिक का शुक्र वैसे भी मनोविनोदी बनाता है।

Show comments

ज़रूर पढ़ें

जगन्नाथ रथयात्रा 2025: क्या है जगन्नाथ मंदिर का इतिहास, कितना प्राचीन है यह मंदिर?

12 साल बाद मिथुन में गुरु और सूर्य की युति पर राहु की नजर से होगा 3 राशियों को लाभ, 5 राशियों को नुकसान

इजराइल- ईरान युद्ध के बीच बाबा वेंगा की इस भविष्यवाणी से डर गई है दुनिया

क्या पहले होती थी जगन्नाथ पुरी में प्रभु श्रीराम की पूजा?

इक्ष्वाकु वंश के कुल देवता भगवान जगन्नाथ के धाम को क्यों माना जाता है चार धामों में सबसे खास?

सभी देखें

नवीनतम

27 जून 2025 : आपका जन्मदिन

27 जून 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

श्रावण के साथ ही शुरू होगी कावड़ यात्रा, जानें क्या करें और क्या न करें

गुप्त नवरात्रि में कौन से मंत्र पढ़ने चाहिए?

26 जून से प्रारंभ होगी गुप्त नवरात्रि, जानें घट स्थापना के मुहूर्त, कैसे करें देवी आराधना और लग्नानुसार फल