शरद पवार: शनि की दशा दुख देगी

गुरु-मंगल नहीं लगाने देंगे लगाम

पं. अशोक पँवार 'मयंक'
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शरद पवार का जन्म 12.12.1940 को बारामती महाराष्ट्र में प्रातः 5.30 पर जन्म हुआ। इस समय वृश्चिक लग्न कन्या नवांश व मेष राशि थी। वृश्चिक लग्न वाले जातक स्पष्ट वक्ता होते हैं। उत्तम कदकाठी के होते है। राशि मेष होने पर ये दबंग भी होते है।

जन्म के समय दशम भाव का स्वामी सूर्य लग्न में मित्र राशि का है जो होकर एकादशेश व अष्टमेश बुध के साथ होने से राजनीति के क्षेत्र में सफलता देता है। यही वजह है कि काफी समय से राजनीति में शरद विराजमान हैं। अभी केंद्र में कृषि मंत्री के रूप में बने हुए हैं। जब से कृषि मंत्री बने हैं तब से महँगाई बेलगाम होती जा रही है। इधर उनके बयानों ने भी आग में घी का काम किया है।

आपकी वाणी भाव का स्वामी गुरु व लग्न का स्वामी मंगल इन बयानों का कारण रहा है। ग्रह बताते हैं कि जब तक शरद कृषि मंत्री रहेंगे इसी प्रकार महँगाई बढ़ती रहेगी। क्योंकि ग्रह इस पर लगाम नहीं लगाने देंगे। पत्रिका में षष्ट भाव कृषि से संबंध रखता है और वह पाप प्रभाव में है। षष्टेश मंगल स्वराशिस्थ शुक्र के साथ द्वादश व्यय भाव में है। जो कृषि का ह्रास बताता है। वही मंगल नीच के शनि से भी सप्तम दृष्टि से देखा जा रहा है। शनि नीच का होकर कृषि भाव षष्ट में है।

इधर देखा जाए तो गुरु पंचम भाव विद्या,बुद्धि,दिमाग भाव का स्वामी वक्री होकर षष्ट भाव में है। इस प्रकार आपकी वाणी ही महँगाई को बढ़ावा देने वाली साबित हो रही है।

आपकी पत्रिका में भाग्य का स्वामी चन्द्र भी षष्ट भाव में है वहीं राशि स्वामी मंगल भी शुक्र की शत्रु राशि तुला में होकर तृतीयेश पराक्रम व चतुर्थ जनता भाव के स्वामी शनि से दृष्ट है। शक्कर मीठी होती है व शुक्र इसका कारक है जो आग के स्वरूप मंगल के साथ है इस प्रकार देखा जाए तो शक्कर का भाव शरद पवार के रहते 50 र ुपए से पार कर जाए तो आश्चर्य नहीं!

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