दशमेश मंगल द्वादश भाव में मिथुन राशि में है व मिथुन राशि का स्वामी बुध दशम भाव में मेष राशि का है। इसी राशि परिवर्तन राजयोग ने शीला को राजसुख दिया।
कर्क लग्न वालों के लिए वैसे भी मंगल राजयोगकारी होता है।
चतुर्थ भाव से शनि की सप्तम दृष्टि दशम यानी राज्य भाव पर नीच की पड़ रही है। यह योग सत्ता के सुख से वंचित कर सकते हैं।
कड़े संघर्ष के बाद शीला की जीत तो तय है लेकिन इस बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पाना जरा मुश्किल है।
शनि शीला की पत्रिका में नीचाभिलाषी है जो मीन का होकर भाग्य भाव में है।
शीला की पत्रिका में भाग्य का स्वामी अष्टम में है व वर्तमान में व्यय भाव से गोचरीय भ्रमण कर रहा है। अष्टम पर विराजमान गुरु पर इसकी नवम दृष्टि पड़ रही है जो अनुकूल नहीं है।
इस प्रकार ग्रहों की स्थिति देखी जाए तो सत्ता का स्वाद चखना जरा मुश्किल ही है।