सोहा की पत्रिका में सूर्य राहु व बुध साथ है, यह एक प्रकार से पितृ दोष भी बनता है। शनि की दृष्टि मंगल पर तृतीय पड़ने से सोहा को उच्चतम सफलता नहीं मिल पाई। मंगल की उच्च दृष्टि चतुर्थ भाव पर पड़ने से माता का सुख भरपूर रहेगा। पिता भाव में गुरु उच्च का होने से नवाब के घर जन्म लेकर भाग्यशाली हुई।
सफलता के मामले में देख जाए तो अभी योग बहुत अच्छे नहीं है। शनि जब तक उच्च का रहेगा तब तक गोचर से शनि-मंगल की युति रहेगी और इसी कारण से सोहा को उच्चतम सफलता नहीं मिलेगी। सोहा को विवाह के मामले में भी सावधानी रखना होगी।
शनि का गोचरीय भ्रमण 3 नवंबर 2014 तक रहेगा और यह समय सावधानी का है।