श्री गणेश की काल्पनिक कुंडली से जानें उनके व्यक्तित्व को

पं. अशोक पँवार 'मयंक'
सर्वप्रथम पूजनीय व हर कार्य में प्रथम माने जाने वाले भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद की शुक्ल चतुर्थी को मेष लग्न में हुआ। यह कुंडली कल्पना से बनाई गई है, जो गणेशजी के व्यक्तित्व पर आधारित है। 
 
 कैसे गणेशजी की सुन्दर काया हाथी के सिर वाली बनी?
 
लग्न को सिर माना गया है। लग्न में केतु है, शनि की चतुर्थ भाव से लग्न पर नीच की दृष्टि आ रही है। यानी शनि की कुदृष्टि पड़ने से उनका सिर धड़ से अलग हुआ। केतु पृथकता का कारक भी है। 
 
पौराणिक कथा के अनुसार माता का आदेश था कि किसी को भी स्नान करते वक्त नहीं आने दिया जाए। कर्क राशि, माता भाव में विराजमान है वहीं शनि भी है। शनि की दशम दृष्टि लग्न पर है  अत: शनि की कुदृष्टि के कारण सिर धड़ से अलग हुआ। 
 
यह उन्हीं के पिता भगवान शिव ने किया। ऐसा कुंडली के अनुसार देखें तो मंगल की दृष्टि लग्न व केतु पर पड़ रही है। शनि, मंगल का दृष्टि संबंध भी बन रहा है। चतुर्थ यानी माता व दशम यानी पिता भाव में स्थित ग्रहों के कारण यह संयोग बना। 
 
श्री गणेश माता-पिता के भक्त हैं। इसकी वजह सूर्य पर गुरु की कृपादृष्टि होना मान सकते हैं। उनका सिर हाथी का लगना भी मंगल व गुरु की ही कृपा रही। गुरु की पंचम व मंगल की चतुर्थ दृष्टि लग्न पर आने से ऐसा संपन्न हुआ। 
 
सप्तम में राहु व उस भाव का स्वामी उच्च का होकर द्वादश में है अत: ऋद्धि व सिद्धि दो पत्नियों के स्वामी बने। उच्च का बुध, पराक्रमेश भी है, यही वजह है कि श्री गणेश का कोई शत्रु नहीं है।  पंचम भाव में सूर्य व नवम भाव में गुरु व मंगल की अष्टम दृष्टि पड़ने से लाभ व शुभ इनके पुत्र हुए। 
Show comments

ज़रूर पढ़ें

सत्य शिव हैं, अनंत शिव हैं...हर मन में बसे भगवंत शिव हैं, भक्ति से सराबोर सावन की शुभकामनाएं

पृथ्वी की नाभि पर स्थित है यह दिव्य ज्योतिर्लिंग जहां काल भी मान लेता है हार, जानिए महाकालेश्वर के अद्भुत रहस्य

कावड़ यात्रा कितने प्रकार की होती है? जानें इसके विभिन्न रूप और महत्व

सिर्फ धातु के ही नहीं, श्रावण में इन 10 प्रकार के शिवलिंगों के पूजन से चमकेगा आपका भाग्य

सावन मास प्रारंभ, जानिए कितने सोमवार, कितने प्रदोष और पूजा के शुभ मुहूर्त, विधि, रुद्राभिषेक के साथ 5 अचूक उपाय

सभी देखें

नवीनतम

नरेंद्र मोदी पर अब तक किन-किन लोगों ने की भविष्यवाणी, आगे क्या करने वाले हैं जानकर चौंक जाएंगे

15 जुलाई 2025 : आपका जन्मदिन

15 जुलाई 2025, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

नाग पंचमी का त्योहार कब रहेगा, क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त

सूर्य का कर्क राशि में गोचर, 12 राशियों का क्या रहेगा राशिफल