अखिलेश यादव : सितारे कर रहे हैं बुलंदी के इशारे

अखिलेश यादव : क्या कहती है कुंडली?

पं. अशोक पँवार 'मयंक'
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उत्तरप्रदेश के कद्दावर नेता व पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के इंजीनियर पुत्र अखिलेश यादव उत्तरप्रदेश के किंग मेकर के रूप में उभरे। अपने बलबूते विधानसभा की 224 सीट लाकर उन्होंने राहुल गांधी को सोचने पर मजबूर कर दिया मगर क्या उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में वे सफल होंगे? आइए जानते हैं अखिलेश के राजनीतिक सितारे, क्या कर रहे हैं इशारे।

अखिलेश यादव का जन्म 1 जुलाई 1973 को वृश्चिक लग्न कर्क राशि में हुआ। वृश्चिक राशि स्थिर राशि होकर लग्नस्थ भी है। मंगल पृथ्वी पुत्र है। पराक्रम का प्रतीक है। यही वजह है कि अखिलेश ने जमीन से जुड़ कर शानदार सफलता हासिल की।

अखिलेश यादव की पत्रिका में लग्न व षष्टम (शत्रु भाव) का स्वामी मंगल पंचम भाव में है। वहीं पंचमेश गुरु वक्री होकर तृतीय भाव में है। वहीं से भाग्य के स्वामी चन्द्रमा पर पूर्ण सप्तम दृष्टि पड़ रही है, यह गजकेसरी नामक राजयोग बना रहा है। अखिलेश को राजसुख तो मिलना ही है लेकिन सफलता के मार्ग सहज नहीं है।

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दशम भाव राजनीति व पिता का है। वैसे पिता की स्थिति का अंदाजा नवम भाव से भी लगाया जाता है। यहां यानी भाग्य भाव नवम में अखिलेश की कुंडली में बुध, शुक्र व चन्द्र है। इसी वजह से पिता का भरपूर सहयोग रहा।

सूर्य की स्थिति अष्टम भाव में होकर मित्र राशि मिथुन में है। अष्टम भाव ठीक नहीं, दशम राजनीति भाव का स्वामी अष्टम में आ जाने से थोड़ी कठिनाई आएगी।

यहां शनि केतु के साथ है। वैसे शनि मित्र राशि मिथुन का है लेकिन केतु नीच का है। दो ग्रह मित्र राशि में है, एक शत्रु का। बहुमत के आधार पर अष्टम भाव में केतु नगण्य-सा है। फिर भी अखिलेश को दुर्घटना से बचना होगा।

अखिलेश यादव की पत्रिका में विशेष बात यह है कि नवांश में बुध उच्च का है और शुक्र नीच का, जो‍ कि नीच-भंग योग का निर्माण कर रहा है। शनि उच्च का है, मंगल स्वराशि वृश्चिक का है। चन्द्र कर्क स्वराशि का है।

ग्रहों की इन्ही अनुकूलता के चलते ही अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बन गए हैं। थोडी़-सी सावधानी व अभिमान को दूर रखकर चलें तो सफलता मिलती रहेगी और पिता का नाम रोशन हो सकता है। कुल मिलाकर अखिलेश के सितारे, बुलंदी के इशारे कर रहे हैं।

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