जा‍निए पंडित जवाहरलाल नेहरू के सितारे

पं. अशोक पँवार 'मयंक'
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर को कर्क लग्न, कर्क राशि में इलाहाबाद में हुआ।


 

कर्क लग्न वाले जातक भावनाप्रधान होने के साथ-साथ कल्पना-प्रिय होते हैं। नेहरू का भावुकपन ही जनता में लोकप्रियता का कारण बना। 
 
नेहरू जी की पत्रिका में केतु मध्य राहु सारे ग्रह हैं। इसी वजह से उन्हें कई परेशानियों को झेलना पड़ा फिर चाहे वह राजनीतिक संघर्ष हो या स्वतंत्रता के लिए जेल। पं. जवाहरलाल नेहरू एक धनाढ्य परिवार से थे। पं. जवाहरलाल नेहरू के पिताजी मोतीलाल नेहरू जाने-माने बैरिस्टर थे। धन की कोई कमी नहीं थी। चाहते तो राजशाही जीवन जी सकते थे। 
 
चतुर्थ भाव में स्वराशि के शुक्र ने आपको देशभक्त बनाया। मालव्य योग होने से आपको धन की कमी नहीं थी लेकिन चतुर्थ भाव जनता का भाव होता है इसीलिए आपने अपनी संपत्ति देश के नाम कुर्बान कर दी। दशमेश राज्यभाव का स्वामी मंगल दशम भाव को अष्टम दृष्टि से देख रहा है अत: पं. जवाहरलाल नेहरू लंबे समय तक देश के प्रधानमंत्री रहे।
 


 
उच्च का केतु षष्ठ भाव में भाग्येश गुरु के साथ होने से आपमें अपने विरोधियों को अपनी कुशल नीति द्वारा शांत करने की योग्यता थी।









 
 
Show comments

ज़रूर पढ़ें

बुध का मेष राशि में गोचर, 4 राशियों के रहेगा शुभ

मई 2025 का मासिक राशिफल: हर राशि के लिए विशेष भविष्यवाणियां

कब है वृषभ संक्रांति, क्या है इसका महत्व

चार धाम के लिए बिना रजिस्ट्रेशन जाने से तीर्थ यात्रियों को होंगी ये दिक्कतें, जानें पंजीकरण की पूरी प्रक्रिया

भारत के संबंध में बाबा वेंगा, नास्त्रेदमस और अच्युतानंद ने पहले ही बता दी थीं ये बातें

सभी देखें

नवीनतम

Saptahik Rashifal 2025: मई माह के नए सप्ताह में किस राशि के चमकेंगे सितारे, जानें साप्ताहिक राशिफल 05 से 11 May तक

Aaj Ka Rashifal: 04 मई 2025, क्या कहती है आज आपकी राशि, पढ़ें 12 राशियों का भविष्यफल

04 मई 2025 : आपका जन्मदिन

04 मई 2025, रविवार के शुभ मुहूर्त

भृगु ऋषि ने पहले ही कर दी थी ये भविष्यवाणी, ग्रहों के एक ही सीध में आने से क्या होगा?