अभी उनके सबसे ज्यादा चर्चित व मुश्किलों में पड़ने का कारण गुरु व शनि को जाता है। शनि सूर्य की राशि सिंह में होकर दशम राजनीति भाव में है व वर्तमान में उच्च का होकर द्वादश भाव में है। लेकिन चतुर्थ भाव व तृतीय भाव का स्वामी होने से जनता के बीच प्रसिद्धि को बनाए हुए है।
पराक्रम बढ़ा-चढ़ा रहेगा। लेकिन गुरु पंचम भाव (विद्या) का स्वामी कहीं ना कहीं गोचर से अष्टम भ्रमण करने के कारण परेशानियों में भी डालेगा। गुरु वक्री होकर चतुर्थ भाव में कुंभ का है।
लोकसभा चुनाव 2014 के समयावधि में गुरु की स्थिति उच्च की रही। मोदी की पत्रिका में पंचमेश व वाणी भाव का स्वामी, नवम (भाग्य) से गोचर भ्रमण करने से भाग्यशाली बनाया व निश्चित ही आपके नेतृत्व में कोई चमत्कार की उम्मीद रहेगी।
चुनाव के समय चन्द्र भाग्य की महादशा और गुरु चन्द्र की राशि कर्क से भ्रमण उच्च का होने के कारण मोदी की वाणी का प्रभाव बढ़ा तथा चुनावी समर में विजय दिलाई।
मोदी की जन्म लग्न वृश्चिक है, वहीं मंगल लग्न में होने से प्रभावशील भी है। नामांकन के समय 24 अप्रैल को मंगल की स्थिति वक्री होने से सिंह का फल मिला, जो मोदी के लिए लाभदायक रहा।
मोदीजी के जन्म लग्न में मंगल और चंद्र साथ बैठे है। साथ ही मंगल वृश्चिक स्वराशि का केंद्र में होने से रूचक योग बनता है। इसीलिए इस बार (2014 में) अगर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनते हैं तो उन्हें 10 साल तक प्रधानमंत्री पद से हटाना मुश्किल है।