धोनी पर शनि की टेढ़ी नजर

शनि ने बनाया हीरो से विलेन

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ट्वेंटी-20 विश्व कप में भारत के शर्मनाक प्रदर्शन के चलते क्रिकेटप्रेमियों की नजर में रातोंरात हीरो से विलेन बन गए कप्तान धोनी की ग्रहदशा भी इन दिनों ठीक नहीं चल रही है। कप्तान धोनी की ग्रहदशा के बारे में ज्योतिषियों का कहना है कि उनकी इस खराब स्थिति के लिए शनि की अचानक हुई टेढ़ी नजर जिम्मेदार है।

टीम इंडिया और धोनी के लचर प्रदर्शन को लेकर जारी क्रिकेट विशेषज्ञों के विश्लेषणों और टीका-टिप्पणियों के बीच उनके बारे में यह रोचक राय 17वें एशियाई ज्योतिष सम्मेलन के प्रमुख सलाहकार रहे प्रो. एसके शास्त्री और कुछ अन्य ज्योतिषियों ने दी है।

इन ज्योतिषियों का कहना है कि 7 जुलाई 1981को जन्मे धोनी पर अब शनि की टेढ़ी नजर पड़ गई है। उनका दावा है कि अपने करियर के संभवतः सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे धोनी का समय आने वाले दिनों में इस बदनाम ग्रह के कुप्रभाव से और कठिन हो सकता है।

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धोनी की जन्म कुंडली में उनका लग्न कर्क तथा राशि सिंह है जिसके स्वामी क्रमशः चंद्रमा और सूर्य हैं। वर्ष 2004 से उनके जीवन में राहु की महादशा में गुरु की अंतर्दशा थी। राहु के मजबूत और गुरु के भी लाभदायक होने के कारण उन्होंने इस दौरान खूब ख्याति और धन अर्जित किया लेकिन अब (जून 2009 से) उनकी कुंडली में तीन वर्ष के लिए शनि की अंतर्दशा शुरू हो रही है जो काफी कठिन समय लाएगी।

ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार शनि धोनी के शरीर के प्रतिनिधि ग्रह (लग्नेश) चन्द्रमा और व्यवसाय के प्रतिनिधि सूर्य दोनों का शत्रु है।

सेंटर फॉर एस्ट्रोलॉजिकल स्टडी एंड रिसर्च के निदेशक प्रो. शास्त्री ने कहा- कर्क लग्न वाले व्यक्ति के लिए शनि तो मारक (नुकसानदेह) ग्रह है। वह उसके लिए कई मुश्किलें खड़ी करेगा। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में 1985 में हुए एशियाई ज्योतिष कांग्रेस में भाग ले चुके एक अन्य ज्योतिषी ने दावा किया कि शनि की अंतर्दशा में स्थितियाँ धोनी के अनुकूल नहीं रहेंगी।
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