प्रियंका : चंद्र-शुक्र ने बनाया रोमांटिक

2011 में सावधानी बरतनी जरूरी

भारती पंडित
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एक ग्लैमरस और बिंदास अभिनेत्री के रूप में जानी जाने वाली प्रियंका चोपड़ा आज एक जाना-माना नाम बन चुकी है। केवल अपनी बिंदास इमेज के लिए नहीं वरन् काम के प्रति लगन व समर्पण ही उन्हें अपने निर्देशक व अभिनेताओं का चहेता बना देता है।

प्रियंका 18 जुलाई 1982 को जमशेदपुर (बिहार) में जन्मी हैं। सूर्यकुंडली के अनुसार कर्क लग्न और वृषभ रा‍शि में जन्मी प्रियंका के भी लग्न व राशि दोनों पर ही क्रमश: चंद्र और शुक्र का प्रभाव है जो इन्हें स्वाभाविकत: ही भावुक, रोमांटिक और कलाप्रिय बना देता है।

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वृ‍षभ राशि होने से नृत्य, संगीत, अभिनय, साजसज्जा की ओर झुकाव है। राशि में उच्च का चंद्रमा है। व्यय भाव में बुध स्वराशिस्थ है और शुक्र व राहु के साथ है। यह युति जहाँ छिपकर दान धर्म करने में रुचि को प्रकट करती है, वहीं प्रेम संबंधों को गुप्त रखने, चोरी छुपे कार्य करने और स्पष्टवादी होने को भी दिखाती है। गुरु नवमेश होकर चतुर्थ में है, जो परिवार व जनता से प्रेम व सहयोग को दर्शाता है। राहु-केतु अपनी उच्च राशियों में हैं जो भाग्य में, निर्णय में अनिश्चितता व परिवर्तन की कारक है, निर्णय की कमजोरी भी दिखाती है।

वर्तमान में प्रियंका नवमेश गुरु की महादशा में 2024 तक है। मार्च 10 तक गुरु का अंतर, तत्पश्चात सितंबर 12 तक शनि का अंतर है। गोचर को देखें तो शनि कन्या में (पराक्रम में), राहु धनु में व गुरु कुंभ में (अष्टम में) होंगे। कुल मिलाकर गोचर की स्थिति अधिक मजबूत नहीं है।

हालाँकि नवमेश की महादशा 2010 तक ठीक है, मगर शनि का अंतर गलत निर्णय से परेशानी व परिश्रम में कमी, स्वास्थ्य में तकलीफ दे सकता है। अत: 2011 में थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है। माता-पिता या गुरु समान व्यक्ति की सलाह से काम करना श्रेयस्कर होगा। गुरु व शनि का दान करते रहें, प्रेम-प्रकरणों से संबं‍धित अफवाहों से बचना चाहिए और काम की ओर ध्यान देना चाहिए। विदेश यात्रा के योग बनेंगे।

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