भैरोसिंह शेखावत से पंगा पड़ेगा महँगा

यही हैं ग्रह के संकेत...

पं. अशोक पँवार 'मयंक'
ND

पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत आजकल मीडिया ‍की सुर्खियों में चल रहे हैं एवं भाजपा के लिए सिरदर्द का कारण भी बन बैठे हैं। वे राजनीति में मँझे हुए दिग्गज हैं। आपका जन्म 23 अक्टूबर 1923 को वृश्चिक लग्न में राजस्थान के प्रसिद्ध सिकर जिले के खाचरियावास गाँव में हुआ।

ग्रहों की इतनी प्रबल स्थिति है कि आपको तीन बार राजस्थान का मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य मिला। आप भाजपा से उपराष्ट्रपति बने। जबसे आप राष्ट्रपति का चुनाव हारे तब से आपकी पूछपरख भाजपा में कम हो गई, जिससे आप उपेक्षित महसूस कर रहे थे और यही कारण बना बगावत का। भाजपा से बगावत करके आपने चुनावी समर में उतरने का मजबूत फैसला कर लिया और इस पर अडि़ग हैं, किसी से भी नहीं मान रहे हैं।

आखिर क्यों मानें? ग्रह मानने दें तब न। वृश्चिक लग्न वाले स्पष्ट वक्ता होते हैं एवं सच बोलते हैं। आपकी पत्रिका में लग्नेश व अष्टमेश मंगल एकादश में बुध की राशि कन्या में स्थित है। मंगल की वाणी भाव पर मित्र दृष्टि पड़ने से आपकी वाणी में प्रभावशीलता है। मंगल पंचम भाव को सप्तम दृष्टि से गुरु की राशि मीन को देख रहा है, अतः आप बुद्धिजीवी वर्ग से हैं।

WD
मंगल की अष्टम दृष्टि षष्ट भाव पर पड़ने से आप अपने शत्रुओं पर भारी पड़ते नजर आते हैं। पंचम व वाणी भाव का स्वामी गुरु ने मंगल का दोहरा प्रभाव ले रखा है। आपकी वाणी में ओजस्विता भी है व गुरु लग्न में होकर भाग्येश चन्द्र पर पंचम पूर्ण दृष्टि से देखने के कारण गजकेसरी राजयोग भी बनता है। भाग्य पर उच्च दृष्टि भी पड़ रही है। दशमेश सूर्य नीच का है, वहीं शुक्र के साथ होने से नीच भंग भी हुआ।

इधर शनि पराक्रमेश एवं सुखेश उच्च का होकर द्वादश भाव में है, इस कारण शत्रु भी बहुत होते हैं लेकिन मंगल की कृपा दृष्टि ने सबको नष्ट करने की ताकत भी दी। और यही कारण उपराष्ट्रपति पद तक पहुँचने का रहा।

अब फिर से उपेक्षा के कारण लोकसभा का चुनाव लड़ने की तैयारी हो रही है। वर्तमान में शनि की उच्च दृष्टि द्वादश पर पड़ रही है, वहीं गुरु की सप्तम उच्च दृष्टि गोचर से नवम भाव पर पड़ने से आपकी अभिलाषा पूरी हुई। यदि भाजपा आपको मनाने में नाकामयाब रही तो पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। वैसे अभी आपको गुरु की महादशा भी चल रही है, तो आपके लिए यह समय अनुकूल साबित होगा।
Show comments

जगन्नाथ रथयात्रा 2025: क्या है जगन्नाथ मंदिर का इतिहास, कितना प्राचीन है यह मंदिर?

12 साल बाद मिथुन में गुरु और सूर्य की युति पर राहु की नजर से होगा 3 राशियों को लाभ, 5 राशियों को नुकसान

इजराइल- ईरान युद्ध के बीच बाबा वेंगा की इस भविष्यवाणी से डर गई है दुनिया

क्या पहले होती थी जगन्नाथ पुरी में प्रभु श्रीराम की पूजा?

इक्ष्वाकु वंश के कुल देवता भगवान जगन्नाथ के धाम को क्यों माना जाता है चार धामों में सबसे खास?

27 जून 2025 : आपका जन्मदिन

27 जून 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

श्रावण के साथ ही शुरू होगी कावड़ यात्रा, जानें क्या करें और क्या न करें

गुप्त नवरात्रि में कौन से मंत्र पढ़ने चाहिए?

26 जून से प्रारंभ होगी गुप्त नवरात्रि, जानें घट स्थापना के मुहूर्त, कैसे करें देवी आराधना और लग्नानुसार फल