मधुर की पत्रिका में विशेष बात यह है कि सूर्य लग्न में है जो लग्न को बली भी बनाता है वह व्यापारी ग्रह बुध के साथ है।
बुध आय भाव (एकादश) का स्वामी व वाणी (द्वितीय) के साथ राशि स्वामी भी है। गुरु विद्या बुद्धि भाव (पंचम) व मनोरंजन का कारक भी है, गुरु जहां अष्टमेश है वहीं त्रिकोणेश भी है। जिसका शुभ परिणाम आपके जीवन में देखने को मिलता है।
वर्तमान में मधुर की गुरु की महादशा चल रही है जो लाभदायक साबित होगी। आने वाला कल भी सफलताओं भरा रहेगा। उत्तम सफलता हेतु पुखराज व मूंगा पहना चाहिए। जन्म के समय मंगल नीच का है वहीं शनि भी नीच का है।
यही कभी-कभी सफलता के मार्ग में बाधक भी बनता है। लेकिन ग्रहों के संकेत बता रहे हैं कि सुनहरी सफलता मिलना अभी बाकी है।