राजेश खन्ना : शुक्र ने बनाया सुपर स्टार

पं. अशोक पँवार 'मयंक'
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अपने जमाने के सुपर स्टार रहे राजेश खन्ना का जन्म 29 दिसंबर 1942 को शाम 5.45 पर अमृतसर में हुआ। आज के मिलेनियम स्टार भी इतनी प्रसिद्धि और बुलंदियों को नहीं छू पाए जितनी राजेश खन्ना को मिली थी। आइए जानते हैं, क्या कहते हैं उनके सितारे :

जन्मकुंडली के अनुसार राजेश खन्ना का जन्म मिथुन लग्न वृश्चिक नवांश में हुआ। पंचम भाव (मनोरंजन) का स्वामी शुक्र (कला का कारक) लग्न व चतुर्थ के स्वामी बुध के साथ सूर्य से युति कर रहा है। सूर्य-बुध बुधादित्य योग लेकर बैठा है, यही वजह है कि राजेश खन्ना को अपार प्रसिद्धि प्राप्त हुई।

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राजेश खन्ना की पत्रिका बताती है कि सप्तम भाव में शुक्र, लग्न के स्वामी बुध के साथ होकर सप्तमेश गुरु द्वारा दृष्ट है इसीलिए लड़कियों के बीच उनकी खासी लोकप्रियता रही। चंद्र मन का कारक होकर राहु के साथ है अत: आज काका गुमनामी के अंधेरे में जी रहे हैं। राजेश खन्ना राजनीति में आए और कांग्रेस पार्टी से सांसद भी रहे।

सप्तम भाव में सूर्य, बुध व शुक्र के साथ शनि-मंगल का दृष्टि संबंध होने से राजेश खन्ना का तलाक हुआ।

नवांश कुंडली से जीवनसाथी का विचार किया जाता है। उसमें भी वर्गोत्तम मंगल पर वर्गोत्तम शनि की दृष्टि है। यही वजह है कि उनका दाम्पत्य जीवन ठीक नहीं रहा। अभी शनि की महादशा में मंगल का अंतर 14 जुलाई 2012 तक रहेगा। यह समय उनके लिए काफी सावधानी बरतने का रहेगा। राजेश खन्ना को जन्मदिन की बधाई।

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