लग्नेश मंगल स्वराशि का होकर षष्ट यानी शत्रु भाव में होने से प्रत िद्वंद्व ियों पर भारी रहेंगे। लग्न पर स्वदृष्टि पड़ने से साहस, बल व उत्साह की कमी नहीं रहेगी।
राशि स्वामी शुक्र नीच का होकर एकादश भाव में है वहीं पंचम भाव पर सप्तम दृष्टि डालने से राम कपूर का मनोरंजन के क्षेत्र में आना तय हुआ। राम के जन्म के समय दशम भाव मजबूत है। सूर्य दशम भाव में स्वराशि का है। एकादश (आय भाव) का स्वामी बुध के साथ होने से बुधादित्य योग भी बन रहा है, अतः आय के मामलों में सदैव भाग्यशाली ही रहेंगे।
वाणी भाव (द्वितीय) व मनोरंजन भाव (पंचम) का स्वामी वक्री होकर तृतीय भाव में होने से वक्री ग्रह एक घर पीछे का फल देगा। यानी राम को सफलता में कमी नहीं आएगी। वक्री ग्रह यदि नीच का हो तो वह उच्च के समान फल देता है।
वर्तमान में शनि उच्च का चल रहा है जो सफलता में वृद्धिकारक रहेगा। गुरु भी 20 जून 2014 से उच्च का होगा जो भाग्य से गोचर भ्रमण करेगा वह भी लाभदायक रहेगा।